शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकारी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। सरकारी योजना में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के संलग्न होने के कारण उनके मूल विभाग में परेशानियां बढञ जाती है। मैन पावर (कर्मचारी) कम होने के कारण काम पर विपरीत असर पड़ता है। विभागों के काम समय पर नहीं हो पाते हैं। ऐसे में कर्मचारियों की कमी के कारण परेशान सामाजिक न्याय विभाग ने आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी परेशानियों से अवगत कराया है। पत्र में कर्मचारियों को सरकारी योजनाओं के काम से पृथक करने (उनका नाम हटाने) की बात कही है।

जानकारी के अनुसार कर्मचारियों की कमी से सामाजिक न्याय विभाग परेशान है। प्रशिक्षण और मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन के बीच कर्मचारी फंसे हुए हैं। मामले में नीमच के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण के उपसंचालक ने पत्र लिखा है। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के आयुक्त को पत्र लिखा है। पत्र में बताया है कि-10 अप्रैल से 21 अप्रैल तक भोपाल में विभाग का प्रशिक्षण है। 22 अप्रैल को नीमच में मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक सम्मेलन प्रस्तावित है। ‘जिले में सिर्फ 2 समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारी पदस्थ है ऐसे में कोई जवाबदार अधिकारी नहीं रहेगा’। पत्र में प्रशिक्षण शिविर से ऐसे अधिकारी का नाम हटाने का आयुक्त से किया है।

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