अमृतांशी जोशी, शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल (Strike) के बीच ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बात हड़ताल से नहीं टेबल पर बैठकर करनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपनी बात करने का अधिकार है। मंत्री ने कहा कि हड़ताल प्रगति के विकास का अवरोध है, प्रदेश के विकास में हमे अवरोध नहीं बनना चाहिए। वहीं कर्मचारियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री सिर्फ आश्वासन देते हैं, जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।

दरअसल प्रदेशभर में बिजली कंपनी के आउटसोर्स (Outsourced Electricity Workers) और संविदा कर्मचारियों (Contract Electricity Workers) की बीते 3 दिन से हड़ताल जारी है। एमपी में करीब 50 हजार से अधिकर कर्मचारियों ने काम बंद कर धरना शुरू कर दिया है। कई बिजली दफ्तरों में नियमित कर्मचारी और अधिकारियों ने भी समर्थन दिया है। दरअसल, कर्मचारियों की मांग है कि संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, आउटसोर्स कर्मचारियों का विभागीय संविलियन वेतन वृद्धि और पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू की जाए। इसे लेकर बिजली कर्मचारी कामबंद हड़ताल पर है।

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लगातार जारी प्रदर्शन और बिजली संविदाकर्मियों की हड़ताल के बीच ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar) ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी बात करने का अधिकार है। बात हड़ताल से नहीं टेबल पर बैठकर करनी चाहिए। हमारे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं, हम उनसे हमेशा बात करने के लिए तैयार हैं। जो भी समस्याएं हैं उन्हें हल करने का काम करेंगे। हड़ताल प्रगति के विकास के लिए अवरोध होता है, हमें प्रदेश के विकास में अवरोध नहीं बनना चाहिए।

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वहीं बिजली कर्मचारियों ने कहा कि विभाग ने संवाद नहीं किया, ऊर्जा मंत्री से पिछले एक साल से बातचीत कर रहे है। प्रद्युम्न सिंह तोमर सिर्फ आश्वासन देते हैं। हम नहीं चाहते कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की बिजली व्यवस्था ठप हो। ऊर्जा विभाग के कारण प्रदेश की जनता परेशान होगी। बिजली कर्मचारियों ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन (Movement) जारी रहेगा।

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