राकेश चतुर्वेदी/शब्बीर अहमद, भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है, जिसके बाद से देशभर में इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। कर्नाटक से निकली बैन की चिंगारी मध्य प्रदेश तक भी पहुंची है।
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बजरंग दल के बैन पर आर-पार की सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मध्यप्रदेश में बजरंग दल को सरकार का संरक्षण मिल रहा है। बजरंग दल सिर्फ नाम का संगठन है। इनका काम हुड़दंग करना है। बजरंग दल का सिर्फ एक काम थाने पर धरना देना है। कोरोना काल और जरूरत के वक्त संगठन कहीं नहीं दिखा।
बजरंग दल मामले में लव जिहाद की एंट्री
वहीं महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरि जी ने कहा कि बजरंग दल लव जिहाद रोकने वाला संगठन है। गोवंश की रक्षा करने वाला संगठन है। गौ तस्करों पर निगरानी करने वाला संगठन है। इसलिए कांग्रेस को बजरंग दल खटक रहा है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक कार्य करते-करते कभी-कभी हाथापाई हो जाती है। बजरंग दल का मूल स्वभाव हिंसक नहीं है। बजरंग दल को कोर्ट राष्ट्रभक्त संगठन बता चुका है। कोर्ट ने बजरंग दल को अराजक संगठन नहीं माना है।
कांग्रेस का पलटवार
अखिलेश्वरानंद गिरि के बयान पर कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि यदि बजरंग दल लव जिहाद रोक पा रहा है तो बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को शंकराचार्य बना देना चाहिए। बजरंग दल लव जिहाद रोक रहा है तो साधु-संत, मुल्ला-मौलवी की अपीलों का समाज में क्या असर होता है?।
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