राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में पायलट (Pilot) और सीनियर पायलट (Senior pilot) के अनुभव की सीमा बढ़ाई गई है। अब दो हजार घंटे से कम उड़ान के अनुभव वाला पायलट सीएम का हेलीकॉप्टर नहीं उड़ा पाएगा। वहीं सीनियर पायलट के लिए तीन हजार घंटे का एक्सपीरियंस अनिवार्य किया गया है।

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विमानन विभाग ने प्रदेश में सीएम और वीआईपी श्रेणी के लिए विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले जूनियर पायलट, पायलट और सीनियर पायलट, के अनुभव की सीमा बढ़ाई है। पहले सीनियर पायलट के लिए एक हजार घंटे की उड़ान अनुभव और 500 घंटे मल्टी इंजन वाले हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रूप में अनुभव अनिवार्य था। अब इसे बढ़ाकर तीन हजार घंटे उड़ान भरने का अनुभव और 750 घंटे मल्टी इंजन वाले हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रुप में अनुभव अनिवार्य कर दिया है।

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वहीं पायलट के लिए दो हजार घंटे की उड़ान का अनुभव और मल्टी इंजन वाले हेलीकाॅप्टर पर 500 घंटे पायलट इन कमांड का अनुभव अनिवार्य किया गया है। मध्य प्रदेश विमानन विभाग ने राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना जारी कर दी है।

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