शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती के सुसाइड (Dr. Bala Saraswati Suicide Case) के बाद से गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी रही डॉ अरुणा कुमार (Dr. Aruna Kumar) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब डॉ अरुणा कुमार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर उनके ही विभाग में कार्यरत दूसरे प्रोफेसर और फैकल्टी मेंबर्स ने मोर्चा खोल दिया है।

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दरअसल, फैकल्टी मेम्बर्स ने एक साथ मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन को पत्र लिखकर डॉ अरुणा कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एचओडी डॉ अरुण कुमार पर उनके साथी प्राध्यापकों ने प्रताड़ित करने और मानसिक तौर पर परेशान करने के आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है

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फैकल्टी मेम्बर्स ने पत्र लिखा है कि पूर्व एचओडी डॉक्टर अरुणा कुमार के बारे में सोशल मीडिया पर चसल रहे इल्जामों को पूर्ण रुप से अपना समर्थन देते हैं। डॉक्टटर अरुणा कुमार द्वारा हम सभी को मानसिंक रुप से प्रताड़ित किया जाता था, गाली-गलौज दिया जाता है, धमकियां दी जाती है, बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार किया जाता है और सीआर खराब करने दी जाती है। हम मानसिक रुप से बहुत परेशान रहते हैं, जिस वजह से हम सभी के परिवार भी प्रताड़ित होते हैं और हर दिन यहां से छोड़ के जाने का मन होता है। इस मानसिक तनाव और माहौल के कारण हमारी पीजी और यूजी स्टूडेंट्स के पठनपाठन की क्षमता प्रभावित होती है। डॉक्टर अरुणा कुमार के इस खौफ की वजह से पूर्व में कई संकाय सदस्य छोड़कर जा चुके हैं औऱ खाली सीट पर कोई आना नहीं चाहता है। हम सभी MTA के सदस्यों की तरफ से संगठन के लिए हमारी अपील है कि हम डॉक्टर अरूणा कुमार को इस सिस्टम से हटाना चाहते हैं।

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बता दें कि 30 जुलाई की रात डॉ. बाला सरस्वती ने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली थी। 27 साल की डॉ. सरस्वती GMC में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की थर्ड ईयर की स्टूडेंट थीं। डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में एचओडी डॉक्टर अरुणा कुमार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके बाद एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह पर डॉ. भारती सिंह परिहार को नया एचओडी बनाया गया है। इस मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने भी खूब हंगामा किया था।

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