शब्बीर अहमद, भोपाल। एमबीबीएस, पीजी और डिप्लोमा की डिग्री लेने के बाद गांवों में इलाज नहीं करने वाले डॉक्टर्स पर सरकार सख्त हो गई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जो भी बॉन्ड में नियम होते हैं डॉक्टरों को उसका पालन करना होगा. बॉन्ड के नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी.

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दरअसल, बड़ी संख्या में डॉक्टर बांड भरने के बावजूद भी ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद विभाग ने सख्ती दिखाई है. अब ऐसे डॉक्टर जो बॉन्ड के नियमों का उल्लंघन कर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने में आनाकानी कर रहे हैं उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करेगा. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी. बॉन्ड नियमों का पालन सभी डॉक्टर्स को करना होगा.

बांड के अनुसार गांवों में स्वास्थ्य की जिम्मेदारी से भागने वाले 1118 डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी है. जिसमें-

इंदौर के 252
भोपाल के 325
ग्वालियर के 193
जबलपुर के 150
रीवा के 158

कुल 1118 डॉक्टर्स पर कार्रवाई होगी. सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले डॉक्टर्स पर कार्रवाई होगी.

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बता दें कि मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने के पहले शासन द्वारा बाकायदा बांड भराया जाता है. छात्रों से नियमानुसार बॉन्ड राशि जमा कराई जाती है. इसका उद्देश्य यह रहता है कि डिग्री करने वाले डॉक्टर बाद में ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने से आनाकानी नहीं करे, लेकिन इन तमाम प्रयास के बाद भी डॉक्टर बांड का उल्लंघन करते हैं. डॉक्टरों को बांड के हिसाब से 5 साल तक ग्रामीण इलाकों में सेवा देनी होती है.

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