अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घोषणा के बाद नई नीति में बदलाव किया गया है। संविदा कर्मचारियों के पक्ष में की गई घोषणाओं पर अमल हुआ है। नई नीति में नया और अहम प्राविधान किया गया है। पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके नियमित पदों के समकक्ष संविदा अधिकारी कर्मचारी को उनके कुल पदों के 50 प्रतिशत या सीधी भर्ती के रिक्त पदो के 50 प्रतिशत नियुक्ति के लिए आरक्षित रखे जाएंगे।
दरअसल, शिवराज कैबिनेट की पिछली बैठक में ही संविदा नीति को लेकर निर्णय हुआ था। सीएम शिवराज सिंह ने संविदा कर्मियों की महापंचायत में उन्हें नियमित पदों के समान वेतन देने के सहित अन्य घोषणा की थी। मुख्यमंत्री घोषणा पर अमल करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने विभिन्न विभागों में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों की सेवा शर्तों के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
साथ ही विभागों से कहा गया है कि इन दिशा निर्देशों के अनुरूप अपने प्रशासकीय सेटअप और भर्ती नियमों में आवश्यक परिवर्तन कर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। जारी निर्देशों में कहा गया है कि मध्य प्रदेश शासन के विभागों के अंतर्गत आने वाले निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय, विश्वविद्यालय, आयोग, विकास प्राधिकरण, बोर्ड, परिषद, संस्थाएं इन दिशा निर्देशों को अपने संविदा कर्मियों के लिए लागू करने के संबंध में अपने स्तर पर समुचित निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे।
दिशा निर्देश में संविदा अधिकारियों कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर, उनकी सेवा काल में मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति, संविदा पदों की नियमित पदों से समकक्षता का निर्धारण, उनके पारिश्रमिक का पुनरनिर्धारण और वार्षिक वृद्धि, अवकाश स्वीकृति, उनके साथ अनुबंध निष्पादन, उनके आश्रितों को उपादान भुगतान, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ, उनका सेवा मूल्यांकन और उनके विरुद्ध कार्यवाहियों से संबंधित प्रावधान, स्वास्थ्य बीमा लाभ समेत अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों को सम्मिलित किया गया है।
संविदा अधिकारी-कर्मचारियों को मिलेंगे ये लाभ
- संविदा कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रित एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति।
- 1 अप्रैल 2018 के पहले की नियुक्ति संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के साथ वेतनमान की तरह संविदा भी मूल वेतन के सौ प्रतिशत के बराबर का निर्धारण होगा।
- 15 दिन का विशेष अवकाश भी दिया जाएगा। नियमित कर्मचारियों की तरह मातृत्व और 15 दिन का पितृत्व अवकाश भी दिया जाएगा।
- पारिश्रमिक में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि होगी।
- कार्य करने के लिए बार बार अनुबंध करवाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- सेवाएं बिना कारण समाप्त नहीं की जाएगी।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना और स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा।
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