अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश के वोकेशनल स्टडीज के शिक्षकों को सैलरी नहीं मिली है, अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसे में कैसे स्किल होगा इंडिया। नवीन व्यावसायिक शिक्षक प्रशिक्षक संघ कई मांगों को लेकर राजधानी में एकत्र हुए है। नवीन व्यावसायिक शिक्षक संघ के लोग नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। 60 प्रतिशत सैलरी केंद्र से आती है और 40 प्रतिशत प्रदेश सरकार देती है।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
वयावसायिक प्रशिक्षकों/शिक्षकों की जॉब सिक्योरिटी के लिए जॉब पॉलिसी का निर्धारण करते हुये स्थाई नीति का निर्धारण हो। मध्यप्रदेश में विगत 8 वर्षों से व्यावसायिक प्रशिक्षकों/ शिक्षकों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई, अतः 8 वर्षों को ध्यान रखते हुये हरियाणा मॉडल की तर्ज पर नवीन मानदेय का निर्धारण किया जाए। भविष्य में प्रतिवर्ष मानदेय में 10 प्रतिशत तक बढोत्तरी को निर्धारित किया जाए। विभिन्न अवकाश सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो।
किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने पर विभिन्न बीमा योजनाओं का लाभ दिया जाए। वर्तमान में एजेंसियों का अनुबंध समाप्त होने के कारण नए वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर (वीटीपी) के आने तक कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों/शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। उन्हें प्राथमिकता के साथ यथावत रखा जाए और हाल ही में संविदा कर्मियों को दिए गए लाभ की तरह व्यावसायिक प्रशिक्षकों/ शिक्षकों को भी विभागीय सुविधाओं का लाभ दिया जाए। जानकारी जगदीश सिंह परमार प्रदेश अध्यक्ष और शैलेंद्र प्रजापति प्रदेश उपाध्यक्ष ने दी।
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