शिखिल ब्यौहार, भोपाल। यह सुनकर आपको आश्चर्य होगा कि एमपी के 50 फीसदी से ज्यादा सरकारी हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट अवैध हैं। इतना ही नहीं बल्कि इन सरकारी प्रोजेक्टों में बिक्री भी नियमों-प्रावधानों को ताक पर रख की जा रही है। यह मामला रेरा कानून से जुड़ा है। राजधानी का हाल यह है कि भोपाल नगर निगम के 16 प्रोजेक्ट का रेरा रजिस्ट्रेशन नहीं है। इनकी लागत भी डेढ़ हजार करोड़ से ज्यादा है। इसके अलावा अलग-अलग नगरीय निकायों में करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये लागत के सरकारी प्रोजेक्ट भी अवैध है।

दरअसल, इसका खुलासा भी रेरा में पंजीकृत प्रोजेक्ट और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के हाउसिंग प्रोजेक्ट की संख्या के आधार पर हुआ। रेरा में नगरीय प्रशासन के तहत आने वाले 50 फीसदी प्रोजेक्ट का पंजीयन ही नहीं है। मामले पर रेरा भी एक्शन की तैयारी में है। रेरा में सरकारी एजेंसियों की मनमानी को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई गई है। सूत्रों की माने तो रेरा ने भी नगरीय विकास एवं आवास विभाग से हाउसिंग प्रोजेक्ट का खाका मांगा है। बता दें कि रेरा कानून के तहत बिना पंजीयन सरकारी या निजी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट अवैध की श्रेणी में आता है।

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ऐसे सामने आई थी सरकारी एजेंसियों की मनमानी

बीते माह रेरा ने भोपाल के जोन नंबर 21 के वार्ड क्रमांक 26 में आने वाले नीलबड़ क्षेत्र में 104 दुकान निर्माण मामले को लेकर 1 लाख रुपये का जुर्माना नगर निगम पर लगाया था। यहां नगर निगम ने सरकारी दुकानों का निर्माण बिना रेरा पंजीयन के किया था। साथ ही निगम के सभी व्यवसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट पर प्रतिबंध लगाया है। यह शर्त भी रखी है कि जब तक जुर्माने की राशि जमा नहीं कराई जाएगी। तब तक बुकिंग समेत बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। रेरा में आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि रेरा पंजीयन के बिना नगर निगम अवैध निर्माण कर गैरकानूनी तरीके से बुकिंग कर रहा है। लिहाजा बीते 28 जून को रेरा ने जुर्माना ठोका और बुकिंग समेत बिक्री पर रोक लगाई। शिकायत में यह भी बताया गया था कि जब भोपाल नगर निगम का यह हाल है तो प्रदेश की अन्य नगर पालिका और परिषदों का क्या होगा।

रेरा पंजीयन के बिना रियल एस्टेट सेक्टर में कारोबार संभव नहीं

रेरा कानून खरीदारों समेत निर्माण एजेंसियों की हितों की रक्षा के लिए लागू किया गया। रेरा पंजीयन के बिना प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में कारोबार संभव नहीं है। कारण यह है कि रेरा पंजीयन के बाद प्रोजेक्ट की समय सीमा पर पूरा करने के साथ जारी लेआउट पर ही निर्माण किया जा सकता है। समय पर निर्माण पूरा हो सके, इसके लिए रेरा कानून के तहत अलग से अकाउंट खोला जाता है। प्रोजेक्ट में निर्माण के लिए राशि आहरण के लिए रेरा को जानकारी देनी होती है। हर तीन माह में प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी जमा करनी होती है, ताकि समय पर और ब्रोशर में दिखाए लेआउट के आधार पर ही निर्माण हो सके। रेरा कानून के तहत रियल एस्टेट सेक्टर की निजी और सरकारी दोनों ही एजेंसियों के प्रोजेक्ट का पंजीयन अनिवार्य है।

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इन निकायों में रेरा कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां

  • भोपाल नगर निगम।
  • इंदौर नगर निगम।
  • उज्जैन नगर निगम।
  • जबलपुर नगर निगम।
  • सिंगरौली नगर निगम।
  • मुरैना नगर निगम।
  • कटनी नगर निगम।
  • रीवा नगर निगम।
  • सागर नगर निगम।
  • ग्वालियर नगर निगम।
  • देवास नगर निगम।

भोपाल नगर निगम के इन प्रोजेक्ट में नहीं रेरा पंजीयन

  • नीलबड़ प्रोजेक्ट।
  • कलखेड़ा प्रोजेक्ट।
  • रासलाखेड़ी प्रोजेक्ट।
  • समरधा प्रोजेक्ट।
  • आलम नगर प्रोजेक्ट।

रेरा के आदेशों का उल्लंघन, बुकिंग जारी

भोपाल नगर निगम के नीलबड़ मामले में रेरा ने आदेश दिया था कि जब तक जुर्माना जमा नहीं कराया जाएगा तब तक किसी भी प्रोजेक्ट में बुकिंग और बिक्री नहीं की जा सकेगी। इसके बाद भी एक दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट में बिक्री जारी है। अब याचिकाकर्ता ने रेरा आदेश की अवमानना की शिकायत दर्ज कराई है।

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इन प्रोजेक्टों में नियम विरुद्ध बुकिंग कर रहा निगम

ईडब्ल्यूएस व 1 बीएचके श्रेणी

1- कलखेड़ा प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 260, क्षेत्रफल- 430 वर्ग फीट, कीमत – 5 लाख 50 हजार रुपये।
2- मालीखेड़ी प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 60, क्षेत्रफल- 430 वर्ग फीट, कीमत- 5 लाख 25 हजार रुपये।
3- भौंरी प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 500, क्षेत्रफल- 430, कीमत- 6 लाख रुपये।

स्वतंत्र आवास श्रेणी

1- भौंरी प्रोजेक्ट (3बीएचके)- आवास बुकिंग संख्या- 330, क्षेत्रफल- 1700 वर्ग फीट, कीमत- 35 लाख रुपये।
2- कलखेड़ा प्रोजेक्ट (1बीएचके) – आवास बुकिंग संख्या- 80, क्षेत्रफल- 1000 वर्ग फीट, कीमत- 21 लाख रुपये।
3- रासलाखेड़ी प्रोजेक्ट (एलआईजी, 1 बीएचके)- आवास बुकिंग संख्या-03, क्षेत्रफल- 1 हजार वर्ग फीट, 48 लाख रुपये।
4 – रासलाखेड़ी प्रोजेक्ट (एमआईजी, 3 बीएचके)- आवास बुकिंग संख्या- 40, क्षेत्रफल- 1440, कीमत- 55 लाख रुपये।

भूखंड श्रेणी

1- कलखेड़ा प्रोजेक्ट- प्लांट बुकिंग संख्या- 100, क्षेत्रफल- 1250 वर्ग फीट, कीमत- 16 लाख रुपये।

एमआईजी (3बीएचके) श्रेणी

1- बागमुगालिया प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 144, क्षेत्रफल- 865 वर्ग फीट, कीमत- 25 लाख रुपये।
2- कोकता प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 330, क्षेत्रफल- 868 वर्गफीट, कीमत- 18 लाख 50 हजार रुपये।

एलआईजी (2 बीएचके) श्रेणी
01- नीलबड़ प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 60, क्षेत्रफल- 748 से 875 वर्ग फीट, कीमत- 22 लाख 50 हजार से 26 लाख रुपये।
02- बागमुगालिया प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 200, क्षेत्रफल- 704 वर्ग फीट, कीमत- 20 लाख रुपये।
03- भानपुर प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 260, क्षेत्रफल- 703 वर्ग फीट, कीमत- 16 लाख रुपये।
04- कोकता प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 200, क्षेत्रफल-704 वर्ग फीट, कीमत- 14 लाख 50 हजार।
05- आलम नगर प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 64, क्षेत्रफल- 704 वर्ग फीट, कीमत- 22 लाख रुपये।
06- समरधा प्रोजेक्ट- आवास बुकिंग संख्या- 45, क्षेत्रफल- 1165 वर्ग फीट, कीमत- 32 लाख 50 हजार रुपये।

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