राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे एकतरफा नहीं रहे हैं। बीजेपी ने सात नगर निगम गंवा दिए हैं। वहीं छोटे शहरों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कई विधायक अपने ही क्षेत्र में जीत नहीं दिला सके। निकाय चुनाव के रिजल्ट ने दोनों ही पार्टियों को आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चिंतन, मनन और समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है।

वहीं निकाय चुनाव के बाद बड़ी खबर सामने आई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल ने विधानसभाओं में हारे विधायकों को नसीहत दी है। विधायकों की राजधानी में नो एंट्री कर दी है। विधायकों को अब सिर्फ क्षेत्र में जनता के बीच रहने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर ही क्षेत्र छोड़ने की बात कही गई है। इतना ही नहीं पार्टी इन विधायकों पर नजर रखेगी। साथ ही निर्देशों का उल्लंघन करने पर टिकट काटने की चेतावनी दी गई है।

कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह ने कहा कि सारे विधायक चुनाव से फ्री हो गए हैं। अब सिर्फ 2023 का चुनाव बचा है। विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में रहने के निर्देश दिए गए हैं। विधायक सिर्फ अपना क्षेत्र संभाले, जनता के बीच रहें। हार के क्या कारण रहे हैं उसका भी अवलोकन करें।

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दरअसल कांग्रेस के भले ही 5 महापौर जीते हो, लेकिन छोटे शहरों में कांग्रेस के प्रदर्शन ने मिशन-2023 की रणनीति पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में ही जीत नहीं दिला पाए। वहीं बीजेपी ने इस बार के चुनाव में सात नगर निमग खो दिए हैं। पिछली बार के चुनाव में प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा था।

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