देवेंद्र चौहान, भोपाल। मध्य प्रदेश में कैटल फ्री हाईवे की जब पड़ताल की गई तो जगह जगह आवारा मवेशी सड़क पर बैठे मिले। बारिश में अक्सर गौवंश सड़को पर बैठा रहता है। जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ जाती है। कई बार तो दुर्घटनाओं मवेशियों की मौत हो जाती है और वाहन चालकों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
मध्य प्रदेश सरकार ने हाइवे से गौवंश को हटाने के सख्त आदेश दिए है, लेकिन प्रशासन शासन के आदेशों की अवेहलना करता नजर आ रहा है। बेसहारा घूमते जानवर किसानों के लिए मुसीबत तो हैं ही, सड़कों पर होने वाले हादसों की वजह भी बनते हैं। एमपी के 6 जिलों से गुजरने वाले हाइवे को कैटल फ्री करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। मप्र के छह जिलों देवास, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ में पशुपालन एवं डेयरी विभाग बेसहारा गोवंश का प्रबंधन करेगा।
स्थानीय निकायों और जनप्रतिनिधियों की निगरानी में गौशालाओं का रूटीन निरीक्षण करने के भी आदेश जारी किये गए है। अक्सर हाईवे पर बेसहारा मवेशियों के बैठने की वजह से रात के वक्त सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में हाइवे पर संचालित टोल टैक्स बैरियर पर पशुपालन विभाग की हेल्पलाइन बनाई जाएगी। वाहन चालक या स्थानीय ग्रामीण सड़क पर बैठे वाहनों की सूचना लोकेशन सहित देंगे, तो टोल बैरियर पर तैनात कर्मचारी गोवंश को लेकर गोशाला में छोड़ेंगे।
सड़क पर बैठे जानवरों को हाइवे से गोशाला तक ले जाने के लिए हाइड्रोलिक क्रेन और वैन तैनात की जानी है। इससे घायल और बीमार मवेशियों को भी गोशालाओं में पहुंचाया जाएगा। ये सेवा 24 घंटे संचालित रहेगी। इसके लिए नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे के टोल टैक्स बैरियर के स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी गई है।
मध्यप्रदेश के पशुपालन विभाग के आंकड़े
- कुल पशुधन – 402.22 लाख
- कुल गौवंशीय पशु – 187.35
- कुल भैंस वंशीय पशु – 103.07
मप्र में पशु अस्पताल चिकित्सा संस्थान
- जिला स्तरीय पशु अस्पताल (पॉली क्लीनिक) – 52
- पशु चिकित्सालय – 1010
- चलित पशु चिकित्सा इकाई – 38
जिलों में गौवंश पर नजर डाले तो…
- भोपाल – 290265
- देवास – 884572
- सीहोर – 781394
- रायसेन – 736896
- विदिशा – 566128
- राजगढ़ – 930863
- इन 6 जिलों में कैटल फ्री हाइवे का अभियान चलाया जा रहा है।
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