कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में बहुचर्चित पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सरकार ने एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश कर दी है। चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ में सुनवाई हुई। सरकार ने एक संस्था से 4 लाख तथा 1 अन्य से 76,000 वसूल करने की बात कही है। रिपोर्ट में बचे हुए पैरामेडिकल संस्थाओं से वसूली के लिए कुर्की वारंट जारी करने की बात कही है।
फर्जी एडमिशन दिखा करोड़ों का गोलमाल
चीफ जस्टिस ने वसूली को 8 साल से लंबित रखने पर फिर फटकार लगाई। कोर्ट ने बची हुई राशि की वसूली के लिए 1 दिन की मोहलत दी। एक दिन बाद 26 अप्रैल को फिर से मामले की सुनवाई होगी। सरकार 24 करोड़ में से मात्र 4 करोड़ रुपए ही कॉलेजों से वसूल कर पाई है। प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेजों ने फर्जी तरीके से छात्रों का एडमिशन दिखाकर करोड़ों की राशि गोलमाल की है। साल 2010 से 2015 के बीच फर्जीवाड़ा हुआ था। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल ने याचिका लगाई है।
जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने नोटिस
अजय शर्मा, भोपाल। मंदसौर गोलीकांड एक बार फिर सुर्खियों में है. मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि रिपोर्ट को क्यों ना सार्वजनिक कर दिया जाए. पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने जनहित याचिका दायर की थी.
पुलिस की गोली से 5 किसानों की मौत
बता दें कि 6 जून 2017 को पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष में कथित रूप से पुलिस की गोली से 5 किसानों की मौत हुई थी. इसके लिए जांच आयोग गठित की गई थी. आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट 13 जून 2018 को सरकार को सौंपी थी लेकिन यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई. इसे लेकर आज जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
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