शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुरैना में पदस्थ आदिवासी प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया को निलंबित कर दिया है। इस पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधान आरक्षक को केवल इसलिये निलंबित कर दिया गया क्योंकि वो शाम की गणना में नहीं पहुंच सके। यह कृत्य शिवराज सरकार की आदिवासियों के प्रति नफरत, ईर्ष्या, अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। साथ ही कमलनाथ ने निलंबन वापस लेने का आग्रह किया है।

दरअसल, 16 मई को मुरैना में सुबह की गणना में विक्रम अछालिया अनुपस्थित थे। इसके बाद दोपहर में इनका सस्पेंशन लेटर जारी कर दिया गया। गुरुवार को सुबह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस पर बीजेपी सरकार को घेरा था। दिग्विजय ने विक्रम के पक्ष में ट्वीट करते हुए लिखा- विक्रम अछालिया JAYS का अध्यक्ष है और आदिवासियों के सामाजिक गतिविधियों में भाग लेता है। भाजपा सरकार उसे भोपाल में आयोजित JAYS दिवस में शामिल नहीं होने देना चाहती थी। यदि भाजपा आदिवासियों के सामाजिक आयोजन में भी राजनैतिक हस्तक्षेप करेगी तो यह अनुचित है।

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पीसीसी चीफ कमलनाथ का ट्वीट

कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा- मुरैना में पदस्थ आदिवासी प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया को केवल इसलिये निलंबित कर दिया गया क्योंकि वो शाम की गणना में नहीं पहुंच सके। यह कृत्य शिवराज सरकार की आदिवासियों के प्रति नफ़रत, ईर्ष्या, अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। शिवराज जी, आपसे आग्रह है कि तत्काल इस द्वेष पूर्ण कार्यवाही पर रोक लगाते हुये प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया का निलंबन वापस करें और आदिवासी समाज से खेद व्यक्त करें।

इधर विक्रम अछालिया ने बताया कि 16 मई को भोपाल में जयस का कार्यक्रम था। वह हमारे परिवार का कार्यक्रम था। इसके लिए उन्होंने प्रभारी कंपनी कमांडर घनश्याम शर्मा से एक दिन का अवकाश मांगा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हम यहां कोई राजनैतिक बात नहीं कर रहे थे, लेकिन जिस तरह से 6 घंटे में ही हमें सस्पेंड किया गया, वह कहीं न कहीं अलग संकेत देता है।

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बता दें कि विक्रम अछालिया अपनी कंपनी के साथ पिछले करीब 6 माह से मुरैना में हैं। यहां इनकी कंपनी वन विभाग के साथ मिलकर सुरक्षा के लिए लगाई है। 16 मई को 24वीं वाहिनी के कमांडेंट ने इनका सस्पेंशन लेटर जारी किया। जिसमें लिखा गया कि 16 मई को डी कंपनी वन कैंप मुरैना में हुई गणना में विक्रम अछालिया नहीं आए। इनसे फोन पर संपर्क किया गया, जो कि नहीं हो सका। वहीं, यह बैरक व अन्य जगह पर भी नहीं मिले। विक्रम को सस्पेंड करने के साथ गुना अटैच किया गया।

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