शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा हैं। उन्होंने कहा कि सुना है भाजपा अपने घोषणापत्र के लिए विधानसभाओं में ‘सुझाव पेटी’ लेकर जा रही है। जनता सुझाव देने की जगह ये ‘सवाल’ पूछेगी कि सौदेबाजी कर आपने जनता की चुनी सरकार को क्यों गिराया। बीजेपी को ‘सुझाव पेटी’ की जगह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सुलझाव पेटी’ लानी चाहिए। पीसीसी चीफ ने पंचायती राज व्यवस्था को लेकर भी हमला बोला हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी के घोषणा पत्र को लेकर कहा- सुना है भाजपा अपने घोषणापत्र के लिए विधानसभाओं में ‘सुझाव पेटी’ लेकर जा रही है। जनता सुझाव देने की जगह भाजपा से ये ‘सवाल’ पूछेगी कि सौदेबाजी कर आपने जनता की चुनी सरकार को क्यों गिराया मतलब हमारे ‘चुनाव-सुझाव’ के रूप में चुनी हुई सरकार को क्यों गिराया और ये भी कि कितने में गिराया, और ख़र्चा किया हुआ पैसा फिर कहां-कहां से कमाया?
जनता भाजपा को कुछ सुझाव तो ये देगी कि :
देश को और न बाँटें
नफ़रत और डर फैलाने का एजेंडा बंद करें
महिलाओं का अब और अपमान न करें
नौकरी-परीक्षा के घोटालों से जन्मी बेरोज़गारी से युवाओं को बचाएं
गरीबों, किसानों, मज़दूरों का शोषण रोकें
काम-कारोबार व विकास को भ्रष्ट नीतियों से न मारें
आदिवासियों-दलितों का उत्पीड़न-शोषण न करें
मुनाफाखोरों से कमीशन खाकर महंगाई न बढ़ाएं
मप्र को भाजपाई भ्रष्टाचार का मॉडल न बनाएं।
आज जब जनता का भाजपा पर ही विश्वास नहीं रहा है तो उसके घोषणापत्र पर क्या होगा। भाजपा को ‘सुझाव पेटी’ की जगह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सुलझाव पेटी’ लानी चाहिए, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि लोगों को फालतू के मुद्दों में उलझाये रखने – गुमराह करने में ही वो अपनी राजनीतिक सफलता मानती है। भाजपा याद रखे, न काठ की हांडी बार-बार चढ़ती है, न ‘भेड़िया आया-भेड़िया आया’ की कहानी हर बार चलती है। भाजपा का घोषणापत्र हर बार जुमलों का झुनझुना साबित होता है।
वहीं पंचायती राज व्यवस्था पर ट्वीट कर लिखा- भारत की संस्कृति में गांव के “पंच” परमेश्वर माने जाते हैं और पंचायत को गांव की सर्वोच्च संस्था। इसी संस्कृति के अनुरूप स्वतंत्र भारत में कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया, फिर पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए संविधान की ताकत भी दी। कांग्रेस हमेशा सत्ता के विकेंद्रीकरण के साथ मजबूत पंचायती राज व्यवस्था की पक्षधर रही है। परंतु भाजपा राज में पंचायती राज व्यवस्था निःशक्त बना दी गई है। अब पंच परमेश्वर भाजपा के इस अन्याय को समाप्त करने के लिए तत्पर हैं और कांग्रेस फिर से मूल पंचायत राज को लागू करने के लिए संकल्पित है।
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