अमृतांशी जोशी, भोपाल। साईं बाबा (Sai Baba) को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) के बयान का मध्य प्रदेश पुजारी संघ ने समर्थन किया है। पुजारी संघ के अध्यक्ष पंडित नरेंद्र दीक्षित ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री ने जो कहा वह एकदम सही कहा है। सनातन धर्म में भगवान के 24 अवतार ही हुए हैं। साईं बाबा अच्छे इंसान हो सकते हैं भगवान कदापि नहीं। हमारे जो सर्वोच्च वह जगद्गुरु शंकराचार्य हैं। उनका जो अभी मत है वह संपूर्ण समाज को मानना चाहिए। शंकराचार्य को वेद पुराणों का ज्ञान होता है और भगवान का अवतार कब होगा यह भी उनको ज्ञान होता है।

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने उठाए साईं बाबा पर सवाल: कहा- वो भगवान नहीं, गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं बन सकता

वहीं साईं भक्त एमके पोंडा ने कहा कि साईं बाबा विवाद नहीं विश्वास का विषय हैं। धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर साईं भक्त एमके पोंडा ने कहा कि साईं भक्तों पर इस तरह के संकट पहले भी आए हैं। धीरेन शास्त्री साईं बाबा को समझ नहीं पाए हैं। अगर उनके बारे में कोई अवधारणा बनाकर बैठे हैं तो बनाए, साईं बाबा को अगर कोई भगवान के रूप में देखता है परेशानी वाली बात नहीं है।

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दिया था ये बयान

दरअसल, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जबलपुर के पनागर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन प्रबुद्ध जनों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उनसे साईं बाबा की पूजा आराधना की पद्धति को लेकर एक सवाल किया गया, जिसके जवाब में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को भगवान मानने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना, प्रत्येक सनातनी का धर्म है, क्योंकि वो अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा, कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हो या सूरदास जी हो… ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं… हम किसी की भवना को ठेस नहीं पहुंचा सकते, लेकिन कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं.. भगवान नहीं हो सकते। आगे उन्होंने कहा कि लोग इसको कंट्रोवर्सी में ले लेंगे, लेकिन बोलना भी बहुत जरुरी है कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। इस दौरान वहां मौजूद जनता ने खूब ताली बजाई। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर मैं चक्र लगाकर कहूं कि मैं शंकराचार्य हूं. क्या मैं बन जाऊंगा.. नहीं.. नहीं बन सकते.. भगवान भगवान हैं, संत संत हैं।

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