अमृतांशी जोशी, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में यूनिफॉर्म सिविल कोड (uniform civil code) लागू करने की दिशा में खुद को संकल्पित बताया था। इसके बाद से UCC को लेकर देश भर में बहस छिड़ गई है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मंगलवार रात में ही बैठक हुई। बोर्ड ने समान नागरिक सहिंता की जरूरत और प्रासंगिकता पर सवाल उठाए हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि देश में अलग-अलग कानून होने के बावजूद 75 सालों से देश चल रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सलाह
मध्य प्रदेश में भी यूसीसी लाने की तैयारी चल रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यूसीसी का विरोध करने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सलाह दी है। इंदर सिंह परमार कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को मुस्लिम राष्ट्रों से सीख और सबक लेना चाहिए। कई देशों में महिलाओं को समान अधिकार दिए गए हैं। देश को स्वतंत्रता के समय ही समान नागरिकता पर विचार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश को एक परिवार समझकर अपनी बात कही है।
मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सभी नागरिकों के साथ महिलाओं, पुरुषों के साथ संपत्ति को लेकर, अधिकारों को लेकर सामान नियम होना चाहिए। जाति और धर्म के आधार पर महिला और पुरुषों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है।देश इस निर्णय को स्वीकार करेगा। इस्लाम के मूल दर्शन में भी ट्रिपल तलाक का भी कोई जिक्र नहीं है। वहीं मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया ने कहा कि समय की जरूरत है कि यूसीसी पर विचार किया जाना चाहिए।
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