सुधीर दंडोतिया, भोपाल। अभी हाल ही में नीट सहित अन्य परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों या पेपर लीक को लेकर मध्य प्रदेश सरकार बेहद सतर्क है। राज्य सरकार अब पेपर लीक व परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने की तैयारी में है। पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 लागू करने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।

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स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षाएं अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी में है। इसको लेकर प्रारंभिक बैठकें हो चुकी हैं और एक वरिष्ठ सचिव समिति के समक्ष प्रारूप भी रखा जा चुका है। लेकिन अब इसमें केंद्रीय अधिनियम के अंतर्गत जारी नियम के अनुरूप प्रावधान किए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के अधिनियम के दायरे में अभी परीक्षाएं सम्मिलित होंगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधने की रोकथाम) अध्यादेश के प्रावधानों को भी देखा जा रहा है। जिसमें फर्जी प्रश्न पत्र बांटना, फर्जी सेवा योजना वेबसाइट बनाने को भी दंडनीय अपराध बनाया गया है।

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अधिनियम के प्रावधान के उल्लंघन पर न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपये तक के दंड का प्रावधान है। साथ ही यदि परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को साल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों तथा सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। वसूली के लिए राजस्व की वसूली की तरह कुर्की की जा सकेगी और जमानत भी आसानी से नहीं मिल सकेगी।

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