मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश के जंगलों में भी अब 5G इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क पहुंचेगा। इसके लिए ट्रांसमिशन कंपनी को विद्युत नियामक आयोग से अनुमति मिल गई है। वहीं टेलीकॉम कंपनियों को बिजली के टावर भी लीज पर बिजली कंपनी उपलब्ध कराएगी। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। कहने का तात्पर्य यह है कि अब शहरों के साथ-साथ दूर-दराज के गांव और जंगल पहाड़ों में भी टेलीकॉम की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी। 

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मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के ऊंचे टावरों में अब करंट के साथ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क भी दौड़ेंगे। बताया जा रहा है कि यह टावर टेलीकॉम ऑपरेटरों को लीज पर दिए जाएंगे। मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी को विद्युत नियामक आयोग से इसकी अनुमति मिल गई है। इससे दूर दराज के इलाकों में 5G इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने लगेगी। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को अपने OPGW नेटवर्क के खाली डार्क फाइबर के वाणिज्यिक उपयोग की अनुमति मिल गई है।

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बता दें कि मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष दाखिल याचिका में आयोग ने नागरिकों और संस्थाओं को सुझाव और आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए 21 दिन का समय दिया था। लेकिन इस पर कोई आपत्ति नहीं आई। वहीं कंपनी के एमडी का कहना है कि ट्रांसमिशन कंपनी का फाइबर के 8 पेयर अपने उपयोग के लिए रखकर अतिरिक्त 4 पेयर  निजी कंपनियों को किराए पर देगी। प्रदेश की कुछ चिन्हित ट्रांसमिशन लाइन में कंपनी ने यह प्रयोग सफलतापूर्वक कर लिया है।

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