शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग घोटाला मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने नया फरमान जारी किया है, जिससे 46 हजार विद्यार्थियों की चिंताए बढ़ गई है। वो इसलिए कि फर्जी नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता अगर गई तो छात्रों का रिजल्ट निल हो जाएगा और उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
वहीं जिन संस्थाओं की मान्यता खत्म होगी उनका रिजल्ट कोर्ट के अधीन रहेगा। बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद CBI प्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है। वहीं जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर कॉलेजों की मान्यता रद्द हो सकती है। जिसके चलते बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है। बता दें कि अभी जीएनएम फर्स्ट और सेकंड ईयर सत्र की परीक्षाएं 18 मई से शुरू हो गई है, ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि नर्सिंग काउंसिल की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है।
MP नर्सिंग घोटाला मामला: नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को हटाया गया, भेजी गई मूल विभाग
आपको बता दें कि CBI प्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को 2020 से कॉलेजों के मापदंडों की जांच करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी पक्षकार बनाया गया है। 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी। बीएससी नर्सिंग पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगाई थी।