शिखिल ब्यौहार, भोपाल। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा पर जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंदुत्व को लेकर छिड़ी सियासी जुबानी जंग में कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधा तो बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेसियों को भगवान की याद आती है।
बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेसियों को भगवान श्रीराम, हनुमान, मठ-मंदिर समेत हिंदू और सनातन धर्म की याद आती है, जबकि यह वहीं कांग्रेस है जिसने राम के अस्तित्व पर ही कई सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस शासनकाल में करोड़ों रुपये सिर्फ इस बात पर खर्च किए गए कि राम मंदिर बनने से रोका जा सके।
केसवानी ने कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन पर भी बवाल करने वालों का मूल चरित्र जनता भली-भांति जान चुकी है। एक विशेष वर्ग की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने अपने शासनकाल में हिंदुओं को प्रताड़ित करने का काम किया। बीजेपी ने यह भी कहा कि आपत्ति राम या हनुमान कथा पर नहीं बल्कि कांग्रेस के इच्छाधारी हिंदू और चुनावी हिंदू का दिखावा करने से है।
कांग्रेस ने भी दिया जवाब
उधर, कांग्रेस ने जवाब में कहा कि राम और हिंदू बीजेपी की बपौती नहीं है। सालों से कमलनाथ श्रीहनुमान के भक्त हैं। छिंदवाड़ा में हो रही है कथा से आखिर बीजेपी के पेट में दर्द क्यों है। कांग्रेस ने बीजेपी के नेताओं को राम भक्त नहीं बल्कि रावण वंशी भी बताया।
क्यों मचा है बवाल
बता दें कि छिंदवाड़ा में पीसीसी चीफ कमलनाथ बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से कथा करवा रहे हैं। आज कथा का दूसरा दिन है। लेकिन कथा पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी, कांग्रेस को हिंदू विरोधी बता रही है। कल सीएम शिवराज समेत कई बीजेपी नेताओं ने कमलनाथ पर निशाना साधा था। सीएम शिवराज ने कहा था कि कथा पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन उनके नेता साधु संतों पर कौन-कौन सी टिप्पणियां करते है, कांग्रेस और कमलनाथ याद कर लें। सीएम ने कहा था कि हम संतों का सम्मान करते हैं, ह्रदय से श्रद्धा के कारण, लेकिन वो आज ये सब वोटों के लिए कर रहे है। सीएम शिवराज ने ये बाते अपने एक दिवसीय टीकमगढ़ प्रवास पर जतारा में कहीं।
वहीं सिंधिया ने कहा था कि चुनाव आता है तो कथा कराने में सब लोग लग जाते हैं लेकिन असली रूप प्रदेश की जनता भी जान चुकी है। चुनाव आता है तो कथा वाचन के लिए सभी को बुलाते हैं और चुनाव के पहले उन्हीं लोगों पर अनेक तरह के प्रश्नों का प्रहार करते हैं। फिर चुनाव के बाद धर्म को ही पूरी तरह से भूल जाते हैं।
धर्म का ठेका बीजेपी ने नहीं ले रखा–कमलनाथ
वहीं कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा था कि मैंने 13- 14 साल पहले हनुमान मंदिर बनाया सबने देखा। मैं मंदिर जाता हूँ तो BJP के पेट में दर्द होता है। मैं कोई प्रार्थना करता हूँ तो BJP के पेट में दर्द होता है। क्या उन्होंने धर्म की एजेंसियों का ठेका लिया हुआ है। बागेश्वर महाराज ने कहा मैं छिंदवाड़ा में कार्यक्रम करूँगा मैंने कहा स्वागत है मैं शामिल हुआ। 4 लाख लोग शामिल हुए, इसमें कौन सी राजनीति है। बीजेपी इसको राजनीति बनाना चाहती है।
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