राकेश चतुर्वेदी, अमृतांशी जोशी, भोपाल। भारतीय दंड संहिता से उर्दू शब्द (Urdu) हटाने के अशासकीय संकल्प पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि देश में वर्ग विशेष को टॉर्चर किया जा रहा है। भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सज्जन सिंह को न्यायालय प्रक्रिया में प्रचलित उर्दू शब्दों का हिंदी रूपांतरण करने का चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि शब्दों का हिंदी रूपांतरण करके बता दें।
दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज 8वां दिन है। बुधवार को भी सदन में हंगामे के आसार हैं। बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया (Yashpal Singh Sisodiya) भारतीय दंड संहिता से उर्दू शब्द हटाने को लेकर अशासकीय संकल्प प्रस्तुत करेंगे। इसे लेकर कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने कहा कि देश में वर्ग विशेष को टॉर्चर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के निर्देश हैं, सड़कों के नाम बदलो, इमारतों के नाम बदलो। ऐसा कुछ न कुछ करते रहो, ताकि वर्ग विशेष आपस में लड़ते रहें, वर्ग विशेष को टॉर्चर कर रहे हैं।
बीजेपी विधायक ने दिया चैलेंज
इस पर भाजपा विधायक यशपाल सिंह ने पलटवार करते हुए सज्जन सिंह वर्मा का चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि सज्जन सिंह न्यायालय प्रक्रिया में प्रचलित उर्दू शब्दों का हिंदी रूपांतरण करके बता दें। न भेजने वाले को पता क्या शब्द क्या है, न लेने वाले को पता कि शब्द क्या है। 1896 की शब्दावली बदलने के लिए अशासकीय संकल्प लाया हूं। इन शब्दों का सामान्य भाषा में प्रचलन नहीं है।
कांग्रेस करेगी विरोध- नेता प्रतिपक्ष
उर्दू फारसी शब्दों को हटाने के अशासकीय संकल्प का कांग्रेस विरोध करेगी। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) ने कहा कि ऐसे शासकीय संकल्प का घोर विरोध किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी इस तरह के काम करके देश को बांटने का काम कर रही है। जनता की भलाई के लिए कोई काम न करके, कोई ना कोई चीज़ लाकर इस तरह के नाम चलाकर आपस में भाईचारे में विघ्न डालने का काम कर रहे हैं।
बीएसपी ने भी किया विरोध
उर्दू फारसी शब्दों को हटाने के अशासकीय संकल्प के मामले में कांग्रेस के साथ ही BSP ने भी विरोध दर्ज कराया है। राज्यसभा सांसद रामजी गौतम (Ramji Gautam) ने कहा कि आज उर्दू के शब्दों से नफरत नहीं होना चाहिए। हम अपने कोमल लाइफ में भी हमेशा उर्दू के शब्दों का उपयोग करते हैं। 30 से 50% उर्दू भाषा के शब्दों का उपयोग डेली लाइफ में किया जा रहा ह। उर्दू शब्दों का हटाने की इस तरह की मानसिकता को दर्शाना ठीक नहीं है, उर्दू के शब्द कभी नफरत के शब्द नहीं हो सकते हैं।
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