शिखिल ब्यौहार, भोपाल। चुनावी साल होने के कारण एमपी में धरना प्रदर्शनों का दौर जारी है। राजधानी भोपाल में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी- अधिकारी जुटे हुए हैं। जो मध्य प्रदेश कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली समेत 42 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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कर्मचारियों के लंबित मांगे

1- लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जाए और सहायक ग्रेड-3 का पदनाम परिवर्तित किया जाकर सहायक ग्रेड-3 कम डाटा एंट्री आपरेटर करते हुए ग्रेड-पे 2400 किया जाये।
2– अधिकारियों/कर्मचारियों की नई पेंशन प्रणाली बंद कर पुरानी पेंशन योजना नियुक्ति दिनांक से बहाल की जाए।
3- प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों की रूकी हुई पदोन्नतियां प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाए।
4- वित्त विभाग, कोषालय के अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के सदस्यों को राजपत्रित त्रिस्तरीय वेतनमान, चयन के माध्यम से क्रमोन्नति, वेतन विसंगति का निराकरण किया जाए।
5- प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित पेंशनरों, निगम, मंडल इत्यादि में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4 अप्रैल 2020 के संदर्भ में किया जाए।
6 – प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित निगम मंडल इत्यादि के कर्मचारियों को गृह भाडा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए।
7- नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक (शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक, गुरुजी) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता के आदेश जारी करते हुए‌ क्रमोन्नति का लाभ दिया जाए।
8 – सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जाए।
9 – प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए एवं नियमों का सरलीकरण करते हुए 3 वर्ष में सी.पी.सी.टी. परीक्षा उतीर्ण करने की अनिवार्यता में संसोधन कर पूर्व नियमों के अनुसार सी.पी.सी.टी. परीक्षा उतीर्ण करने के उपरांत वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए और सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जाए। शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा एवं प्रक्षिक्षण की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।
10- सहायक शिक्षक/ शिक्षक और हेड मास्टर को समय मान वेतनमान के आदेश के उपरांत वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर पदोन्नति/ पदनाम दिया जाए एवं ग्रेड पे में सुधार किया जाकर अर्जित अवकाश नकदीकरण की सीमा को 300 दिवस का आदेश किया जाये।
11- प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी, कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने के उपरांत शेष पदों पर सीधी भर्ती की जावे एवं विभागाध्यक्ष को अपने विभाग में उपरोक्त कर्मियों को नियमितीकरण के अधिकार दिए जाए तथा तृतीय श्रेणी /चतुर्थ श्रेणी के पदों पर कार्यरत आउट सोर्स कर्मियों को शा.सेवक मान्य किया जाए।
12- संविदा कर्मचारियों के सम्बन्ध में मा.मुख्य मंत्री जी द्वारा संविदा पंचायत में की गई घोषणा अनुसार आदेश जारी किये जाए एवं जिस पद पर संविदा कर्मचारी कार्यरत है उस पद के अनुसार नियमित कमचारी का जो ग्रेड पे है उसी अनुसार संविदा कर्मचारी को ग्रेड पे दिया जाय संविदा कर्मचारी का ग्रेड पे नियमित कर्मचारी से कम नही किया जाये ।
13- कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जाए।
14- जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों/विकास खण्ड अधिकारियों को 5400 ग्रेड पे एवं पांच स्तरीय समयमान वेतनमान देते हुये परिवीक्षा अवधि निश्चित समय अवधि में समाप्त किया जावे एवं गोपनीय चरित्रावली आन लाईन की जाए।
15- राज्य स्तर व अन्य राज्यों के ग्रेड पे की विसंगतियों को दूर करते हुए नायब तहसीलदार /सहायक अधीक्षक भू अभिलेख का ग्रेड पे 4200 तहसीलदार / अधीक्षक भू अभिलेख का ग्रेड पे 5400 किया जाए।
16 -शेट्टी वेतन आयोग से उत्पन्न विभिन्न संवर्ग की वेतनमान उन्नयन एवं विसंगतियों का निराकरण किया जावे।आयोग की अनुशंसा अनुसार सभी कर्मचारियों को एक हायर पे स्केल का लाभ प्रदान किया जाए।
17- अधीनस्थ जिला न्यायालय के कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु देय अग्रिम वेतन वृद्वि का लाभ दिया जाये। साथ ही न्यायिक अधिकारियों की भांति लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को निजी चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
18- न्यायालय के चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को वर्दी भत्ते का नगद भुगतान किया जावे। साथ ही आदेशिका वाहक को 25 लीटर पेट्रोल भत्ता दिया जाए।
19- भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार की भांति म.प्र. के वे कर्मचारी जो पांचवे वेतनमान में 1 जनवरी से 30 जून के मध्य वेतनवृद्धि प्राप्त करते थे उन्हे एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए।
20- पंचायत सचिवों को छठवा वेतनमान जो 2018 में दिया गया था, उसमें सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनांक से करते हुए पंचायत सचिवों का विभाग में संविलियन किया जाए।
21- प्रदेश के पटवारियों का ग्रेड पे- 2800 रु किया जाए।
22- प्रदेश के समस्त निर्माण विभाग में कार्य उप यांत्रियों को 3600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाए, उपयांत्रियों की नई नियुक्ति हेतु लोक सेवा आयोग से भारती की शर्त को विलोपित की जाए।
23- राजस्व निरीक्षकों का ग्रेड पे 3200 किया जाकर, राजस्व निरीक्षकों का नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति कोटा 25% से बढ़ाकर 75% किया जाए।
24 – सीधी भर्ती के पदों पर दिये जा रहे स्टायपेंड 70, 80 एवं 90 प्रतिशत के स्थान पर नियुक्ति दिनांक से संबंधित पद का वेतनमान दिया जावे।
25- राज्य पुर्नगठन की धारा 49 (6) का बंधन पेंशनरों के लिए समाप्त करते हुये प्रदेश के पेशनरों को भी देयक तिथि से पेंशन प्रदान की जावे। साथ ही छठवें वेतनमान के 32 माह के एरियर एवं सातवें वेतनमान के 27 माह के एरियर का केन्द्र के पेंशनर नियम 1976 में संशोधन कर अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यागता पुत्री को आजीवन परिवार पेंशन आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
26 – वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच के अपराध प्रकरण में कोई भी गिरफ्तारी नहीं की जाए।
27 – स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगो का शीघ्र निराकरण किया जाए।
28 – वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जाए एवं पद नाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाए।
29 -निर्माण विभागों में तृतीय समयमान वेतनमान प्राप्त करने के लिए विभागीय परीक्षा की वाध्यता समाप्त कर अन्य विभागों की भांति तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए।
30 -भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जाए।
31 -आयुष विभाग के कर्मचारियों की नैतिक मांगो का निराकरण शीघ्र किया जाए।
32-परिवार पेंशन के लिए 33 वर्ष की अर्हता सेवा को कम कर 25 वर्ष किया जाए।
33- संविदा उपयंत्रियों के परिपेक्ष में प्रतिवर्ष मूल्यांकन का अधिकार अधिकारियों से विलोपित किया जाए अर्थात प्रतिवर्ष की जाने वाली मूल्यांकन प्रथा बंद की जाए।
34- विभागाध्यक्ष कार्यालय में शीघ्रलेखकों का वेतनमान दिनांक 1.1.1996 से प्रारंभिक वेतन 5500-9000 अथवा उसका तत्स्थानी वेतनमान रुपए 9300-34800 ग्रेड पे- 3600 संशोधित एवं उन्नत किया जाए तथा निज सहायक के पद का वेतनमान रुपए 5500-9000 अथवा उसका तत्स्थानी वेतनमान रुपए 9300-34800 ग्रेड पे- 3600 के स्थान पर ग्रेड पे 4200 संशोधित/उन्नत किया जाए।
35- विभिन्न संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों तथा कार्यपालिक एवं तकनीकी, कृषि विस्तार अधिकारी, कलाकार, महिला बाल विकास सुपरवाईजर, पोलिटेक्निक एवं उच्चशिक्षा के प्रयोगशाला तकनीशियन, वन रक्षक-वन पाल संवर्ग सहित अन्य विभागों के संवर्गों में व्याप्त वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जाए।
36- तृतीय एवं चतुर्थ श्रेंणीं के रिक्त पदों पर आउट शोर्ष से की जा रही भर्ती पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाते हुए 45000 स्थाई कर्मियों को शीध्र सातवे वेतनमान का लाभ देते हुए नियमित कर्मचारी के समान समस्त सुविधाएं प्रदान किया जाए। वर्ष 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा दिया जाए।

37- पुलिस विभाग के समान जेल कर्मचारियों को भी 13 माह का वेतन, पौष्टिक आहार भत्ता, गणवेश भत्ता, नवीनीकरण भत्ता दिया जाए। साथ ही जेल विभाग के लिपिक कर्मियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा जाए।
38- तकनीकी शिक्षा में कार्यरत प्रयोगशाला तकनीशियन को वेतन मान 4500-7000(2800 ग्रेड पे) दिया जाए, तकनीकी शिक्षा मे कार्यरत तृतीय वर्ग के तकनीकी शिक्षकीय वर्ग के पदों के पद नाम परिवर्तन करते हुए विभागीय खण्ड वर्कशॉप नीति लागू की जाए।
39 – अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाए।
40- आउट सोर्स कर्मियों को शा.सेवक मान्य किया जाए।
41- परामर्श दात्री समिति की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठके शीघ्र प्रारम्भ की जाए।
42-व्यवसायिक प्रशिक्षकों / शिक्षकों की जॉब सिक्योरिटी हेतु जॉब पॉलिसी का निर्धारण करते हुए हरियाणा मॉडल की तर्ज़ पर स्थाई नीति का निर्धारण हो।

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