राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। एमपीपीएससी 2019 की प्री परीक्षा निरस्त पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक ने इस लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एग्जाम दे देकर छात्रों के बाल सफेद हो गए हैं। आखिर उनके साथ न्याय कब करेंगे। अब तो व्यापम के वर्जन भी आ रहे हैं।
‘समय पर नहीं हो रही नियुक्तियां’
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक ने समय पर नियुक्तियां नहीं होने पर नराजगी जताई। उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर्स भर्ती की प्रक्रिया 2017 में शुरू हुई थी, फिर मामला कोर्ट पहुंचा और 2020 में नियुक्तियां हो सकीं। उन्होंने कहा कि इसी तरह 35 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया 2017-18 में शुरू हुई. यह भी मामला कोर्ट पहुंचा और 2021 में आधे-अधूरे पदों पर नियुक्तियां हुईं।
पीएससी परीक्षा में कैलेंडर का नहीं हो रहा पालन
डॉ. रागिनी नायक ने कहा कि आरक्षक और पटवारी भर्ती परीक्षाएं हार साल आयोजित करने के निर्देश हैं, लेकिन दो भर्ती परीक्षाओं के बीच सालों का गेप हो रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हजारों अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएससी परीक्षा में भी कैलेंडर का पालन नहीं हो रहा है। 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण भी नियुक्तियों में रोड़ा बना है। कोरोनाकाल में भर्ती परीक्षाएं बार-बार टाली गईं।
दरअसल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को एमपीपीएससी 2019 की प्री परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आरक्षण नियमों में विवाद के बीच कोर्ट ने यह बड़ा फैसला दिया है। अब दोबारा रिजल्ट जारी किया जाएगा। कोर्ट ने पुराने नियम से ही दोबारा रिजल्ट जारी करने को कहा है।
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