शिखिल ब्यौहार, भोपाल। रानी दुर्गावती और नौरादेही सेंचुरी अब एक हो गए है। दोनों को मिलाने के बाद अब यह प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन गया है।इस नए टाइगर रिजर्व की खासियत है कि दोनों सेंचुरी के कोर एरिया के बाघों की संख्या मिला दी जाए तो यहां 28 बाघों का मूवमेंट है। यह प्रदेश का एकमात्र टाइगर रिजर्व है, जिसका कोर एरिया 1414 वर्ग किमी और बफर जोन 925 वर्ग किमी का होगा। कुल एरिया कुल 2339 वर्ग किमी है। इसके साथ ही इसे अंतरराष्ट्रीय नक्शे में भी स्थान मिल गया है। 

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वाइल्ड लाइफ मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक दोनों सेंचुरी कभी बाघ विहीन थी लेकिन अब यहां पर बाघों की संख्या बढ़ेगी। वहीं इसके साथ ही यहां इसका स्थानीय लोगों को भी फायदा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय सैलानियों से वन समितियों,स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं नए रोजगार के अवसर बढ़ेेंगे। इसके अलावा टाइगर रिजर्व के लिए अलग बजट मिलेगा। अलग कर्मचारियों की नियुक्ति होगी।सफारी के लिए नए ट्रैक बनेंगे।रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की घोषणा व नोटिफिकेशन के बाद इसे विकसित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। जल्दी ही यहां पर सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी।  

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