भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है। साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी। यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है। एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा। लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है।

विधायक जी का Report Card में आज बात भोपाल के बैरसिया विधानसभा क्षेत्र की.. जहां से बीजेपी के विष्णु खत्री विधायक हैं, हम पड़ताल करेंगे कि चुनाव के वक्त विधायक ने क्या-क्या वादे किए थे और विकास के कितने काम हुए हैं और जानने की कोशिश करेंगे कि यहां क्या-क्या समस्याएं अभी भी बरकरार हैं, किन समस्याओं का समाधान हुआ है। लेकिन, सबसे पहले हम जान लेते हैं देवास विधानसभा क्षेत्र के बारे में…

बैरसिया विधानसभा एक नजर में

प्रदेश की बैरसिया (Berasia) विधानसभा पर पिछले तीन चुनावों से बीजेपी का कब्जा है। इस सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार जीत 1998 में मिली थी। इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस को 1957 में जीत मिली थी। मध्य प्रदेश की बैरसिया विधानसभा सीट भोपाल जिले में आती है। जहां पर कुल 2 लाख 14 हजार 135 मतदाता हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वर्तमान में सीट पर बीजेपी का कब्जा है। यह विधानसभा सीट हेरिटेज के लिए भी पहचानी जाती है पुरातत्व से जुड़ी हुई कई महत्वपूर्ण इमारते वह मौजूद है। हाल के दिनों में यह विधानसभा सीट नाम बदलने के कारण सुर्खियों में है जहां स्थित इस्लामनगर का नाम बदलकर जगदीशपुरा कर दिया गया। नाम बदलने से क्षेत्र की पहचान जरूर बदल गई लेकिन यहां की ऐतिहासिक पुरातत्व इमारतें आज भी अपनी बदहाली के आंसू रो रही है। दूसरी ओर जनता अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान दिखाई पड़ती है।

महज दो बार जीती कांग्रेस

बीजेपी के विष्णु खत्री यहां के विधायक हैं। यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। बीते तीन चुनावों में यहां पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। विधानसभा के अस्तित्व में आने के बाद से सिर्फ दो बार ही कांग्रेस यहां पर का जीत स्वाद चख पाई है। कांग्रेस को ये दो जीत साल 1957 और 1998 में मिली।

बीजेपी विधायक विष्णु खत्री

क्या कहता है सियासी समीकरण

यहां पर 50 हजार से अधिक गुर्जर समाज के वोटर हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति की संख्या भी अच्छी खासी है। 2013 के चुनाव में विष्णु खत्री ने कांग्रेस के महेश रत्नाकर को 29 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं 2008 के चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की और ब्राह्मण रत्नाकर ने कांग्रेस के हीरालाल को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

ये है बैरसिया विधानसभा की समस्या

राजधानी भोपाल से यह इलाका ज्यादा दूर नहीं इसके बावजूद यह क्षेत्र विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। इसके अलावा इस इलाके में शिक्षा की भी समस्या है। यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते हैं। यहां के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होने के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है। इसके अलावा बेरोजगारी की भी समस्या है। यहां के युवा रोजगार के लिए दूसरे शहरों में जाने को मजबूर हैं।

अब ये होंगे दावेदार

टिकट की बात करें तो बीजेपी एक बार फिर मौजूदा विधायक विष्णु खत्री को मैदान नें उतार सकती है। इसके अलावा भुजवल सिंह भी टिकट के लिए प्रबल दावेदार हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से विनय मेहर टिकट की रेस में आगे चल रहे हैं। इसके अलावा जय श्री हरिकरण और रामभाई मेहर भी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।

2013 के चुनावी नतीजे

मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं। 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है। 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं।

चुनाव में मुख्य मुद्दे

  • किसानों की समस्या
  • बदहाल सड़कें
  • उद्योग की कमी
  • पेयजल समस्या
  • बेरोजगारी
  • चिकित्सा और शिक्षा सुविधाएं

एक नजर में विधानसभा

  • मतदान क्रमांक -149
  • मतदान केंद्र – 266
  • कुल मतदाता -2,11,010
  • पुरुष -1,11,309
  • महिला – 99,694
  • तृतीय लिंग -7

विधानसभा के मुख्य क्षेत्र

  • कोलू खेड़ी खुर्द
  • लांबाखेड़ा
  • जगदीशपुर
  • नजीराबाद
  • रवालिया
  • बगसी
  • आजमपुर