भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। जिसके बाद कुछ विधानसभा क्षेत्रों में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। टिकट को लेकर खुलकर विरोध और उम्मीदवार बदलने की मांग की जा रही है। कुछ जगहों पर पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है, तो कहीं दावेदारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
नागदा में जनप्रतिनिधियों ने सौंपा इस्तीफा
पीयूष जायसवाल, उन्हेल। भाजपा के प्रत्याशी की दूसरी सूची जारी होते ही नागदा खाचरोद विधानसभा से विरोध के सुर सामने आ रहे हैं। जिसमें घोषित प्रत्याशी डॉक्टर तेज बहादुर सिंह चौहान का विरोध करते हुए पूर्व विधायक दिलीप शेखावत के समर्थन में भाजपा के कई जनप्रतिनिधि और नेता नजर आए। वहीं पार्षद, जनपद सदस्य, जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने इस्तीफा सौंपा है।
दरअसल, दूसरी जारी होने के साथ ही दावेदारों के समर्थक अपने नेता के टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर विरोध करते नजर आ रहे हैं। नागदा खाचरोद विधानसभा नंबर 212 से टिकट के दावेदार रहे दिलीप शेखावत के समर्थक सैकड़ो की संख्या में उनके निवास के बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन करते नजर आए। जिसमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नागदा अशोक मालवीय, वर्तमान नगर पालिका उपाध्यक्ष सहित एक दर्जन से अधिक पार्षद, नागदा नगर पालिका भाजपा के जन प्रतिनिधि है। इसी प्रकार नागदा ग्रामीण के मंडल अध्यक्ष भी विरोध में शामिल हुए हैं।
वहीं खाचरोद नगर पालिका के कुछ पार्षद और जनप्रतिनिधि विरोध में शामिल हुए हैं, बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी विरोध दर्ज कराते हुए नजर आई। पूर्व विधायक और टिकट के दावेदार दिलीप शेखावत ने इस विरोध को पार्टी स्तर पर दर्ज करने की बात कही है।
निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान
इधर, लोकेंद्र मेहता ने क्षेत्रवासियों की मांग पर भगवान श्री राम को साक्षी मानकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भाजपा से लंबे समय से दावेदारी कर रहे हैं संघ से जुड़े भाजपा नेता लोकेंद्र मेहता ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि पार्टी ने गलत चेहरे को टिकट दिया, क्षेत्र की जनता के नागदा खाचरोद विधानसभा में टिकट घोषित हुआ जब से ही मेरे पास कॉल आ रहे हैं। जनता की मांग और उम्मीद पर खरा उतरने के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि लोकेंद्र मेहता धाकड़ समाज से आते हैं। धाकड़ समाज के नागदा खाचरोद विधानसभा में लगभग 45 हज़ार से ज्यादा वोट है, जो की सीट में हार-जीत के फैसले पर विशेष मायने रखता है।
श्योपुर में पूर्व जिला अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
आरिफ कुरैशी, श्योपुर। श्योपुर में पूर्व विधायक दुर्गा लाल विजय को एक बार फिर से विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित किए जाने से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी खुलकर बाहर आ गई है। टिकट की रेस में शामिल दूसरे नेता जहां अंदरुनी विरोध जाता रहे हैं, तो वहीं पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राधेश्याम रावत ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने रावत सहित दूसरे समाजों को मौका नहीं देने का आरोप लगाया है।
पूर्व जिला अध्यक्ष राधेश्याम रावत का आरोप है कि बीजेपी के आला नेता एक ही व्यक्ति को पिछले 30 साल से टिकट देकर दूसरे समाजों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी पर भी दूसरे समाजों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि पूर्व जिला अध्यक्ष राधेश्याम रावत जनसंघ के समय से बीजेपी में सक्रिय रहकर काम करते रहे हैं। वे मंडल अध्यक्ष से लेकर पूर्व में जिला अध्यक्ष के पद रहे है लेकिन, अब उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी में खलबली मचा दी है।
सतना में विरोध के सुर
अनमोल मिश्रा, सतना। सतना में घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। इन सीटों पर कुछ बीजेपी नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दावा किया है। सतना विधानसभा सीट से सांसद गणेश सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं। इससे नाराज स्थानीय नेता शिवा चतुर्वेदी ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि कोरोना काल में यही सांसद घर से नहीं निकले। जनता ने अगर सहमति दी तो वे गणेश जी के आशीर्वाद से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। यहां से पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी भी बगावत कर सकते हैं।
त्रिपाठी बोले- मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी का क्या गुनाह था ?
वहीं मैहर विधानसभा से श्रीकांत चतुर्वेदी को कैंडिडेट घोषित किए जाने के बाद भाजपा से विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी के फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इतने सीनियर नेताओं और मंत्रियों को विधायक का चुनाव लड़ाया जा रहा है तो मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी का क्या गुनाह था। उन्हें मौका देना चाहिए था। त्रिपाठी ने कहा कि विंध्य प्रदेश के पुनर्निर्माण की लड़ाई लड़ रहा हूं और टिकट से मेरे फैसले में फर्क नहीं आएगा। बीजेपी में सांसद विधायक का और विधायक सरपंची का चुनाव लड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। पिछले चुनाव में श्रीकांत चतुर्वेदी कांग्रेस से प्रत्याशी थे और 184 वोट से नारायण से हारे थे।
यत्नेश सेन, देपालपुर। इंदौर के देपालपुर में टिकट को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस सीट से भाजपा ने मनोट पटेल को उम्मीदवार घोषित किया है। जिसे लेकर क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी की मांग उठ रही है। देपालपुर विधानसभा के हातोद, बेटमा, गौतमपुरा और देपालपुर नगर में विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन किया गया। लोग देपालपुर विधानसभा के चारों नगरों में सड़कों पर हाथों में तख्तियां लेकर उतरे और मनोज पटले का पुतला दहन किया।
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