सदफ हामिद, भोपाल। सरकारी स्कूल में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह सफल नहीं हो रही है. कहीं बच्चों के पास मोबाइल नहीं है, तो कहीं नेटवर्क की समस्या है, इसलिए शिक्षकों को आदेशित किया है कि वो घर-घर या मोहल्ले में जाकर बच्चों को पढ़ाई कराई जाए. इस आदेश को लेकर शिक्षक परेशान हैं. शिक्षकों ने इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शिक्षकों को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के घर जाने से किसी शिक्षक कोरोना हो जाएगा, यह धारणा ठीक नहीं है.
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सारी गतिविधियां चल रही हैं. हाट-बाजार, शादी समारोह में शिक्षक जा रहे हैं. विद्यार्थी के घर या मोहल्ला जाने से कोरोना हो जायेगा, यह धारणा ठीक नहीं है. समाज में एक अलग हिसाब की मानसिकता पैदा कर दी गई है. इस प्रकार की मानसिकता से एक बड़ा समूह काम कर रहा है, जो नहीं चाहता कि बच्चे स्कूल में पढ़ें.
दरअसल, बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने 15 जनवरी से 31 जनवरी तक स्कूलों को बंद कर दिया है. शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वो बच्चों को मोहल्ले में जाकर उनकी पढ़ाई जारी रखें, लेकिन शिक्षक कोरोना का हवाला देकर इसका विरोध कर रहे हैं.
बोर्ड परीक्षा की तैयारी पूरी
बोर्ड परीक्षा को लेकर मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा जरूर होगी. विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. परीक्षा तक कोरोना की स्थिति ठीक नहीं रही तो थोड़े दिन बाद परीक्षा लेंगे, लेकिन परीक्षा जरूर होगी.
स्कूल खोलने के सवाल पर क्या कहा?
वहीं मंत्री परमार ने कहा कि 31 जनवरी तक सब ठीक रहा तो स्कूल खोलने पर विचार करेंगे. ऑनलाइन क्लासेस को लेकर उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई कक्षा का विकल्प नहीं है. पढ़ाई कक्षा में ही करानी पड़ेगी. ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क प्रॉब्लम है और सरकारी स्कूलों और बच्चों के पास साधन भी नहीं है.
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