मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) का लाभ लेने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। प्रदेश में DA को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। दरअसल, वित्त विभाग ने चुनाव आयोग को दोबारा प्रस्ताव भेजा है। लेकिन इलेक्शन कमीशन को इसकी भनक तक नहीं है।
केंद्र सरकार कर्मचारियों को जुलाई 2023 से 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दे रही है। पेंशनरों की महंगाई राहत में भी इसी तरह वृद्धि की गई है। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को इसका लाभ देने के लिए वित्त विभाग ने मतदान के पहले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत करने की अनुमति मांगी थी। चुनाव को देखते हुए इसे रोक दिया गया था।
प्रदेश में वोटिंग के बाद वित्त विभाग ने एक बार फिर अनुमति मांगी। विभाग ने चुनाव आयोग को दोबारा प्रस्ताव भेजा, लेकिन मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अफसर के मुताबिक अब तक कोई प्रस्ताव राज्य शासन की ओर से महंगाई भत्ते की राशि दिए जाने को लेकर नहीं आया है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि वित्त विभाग के भेजे गए प्रस्ताव को GAD के अफसरों ने सीईओ एमपी इलेक्शन को भेजा है या नहीं ?
17 नवंबर वोटिंग तक निर्णय स्थगित रखने के चुनाव आयोग के फैसले के बाद 15 दिन होने को है। कर्मचारियों अधिकारियों को महंगाई भत्ता देने का मामला अभी अटका हुआ ही है। आपको बता दें कि राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को अभी सातवें वेतनमान में 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। 4 फीसदी और भत्ता दिए जाने पर कुल भत्ता 46% हो जाएगा।
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