राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश की संगीत नगर ग्वालियर को यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी म्यूजिक का दर्जा दिया है। ग्वालियर वासियों सहित प्रदेश के लोगों के लिए यह गौरवान्वित करने वाली खबर आज मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्राप्त हुआ है। वहीं इस अवसर पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ, समेत अन्य नेताओं ने X पर ट्वीट कर बधाई दी है। 

केंद्रीय मंत्री सिंधिया की सक्रियता से UNESCO ने ग्वालियर को दिया सिटी आफ म्यूजिक का तमगा

सीएम शिवराज ने दी शुभकामनाएं

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बधाई देते हुए लिखा, मध्य प्रदेश के लिए आनंद एवं गौरव का अवसर…। आपको यह बताते हुए मुझे हर्ष के साथ गर्व हो रहा है कि यूनेस्को ने हमारे संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक की मान्यता दी है। ग्वालियर तथा प्रदेश को मिला यह सम्मान हमारी सांस्कृतिक विरासत एवं प्राचीन कला जगत का सम्मान है। मध्यप्रदेश की समस्त जनता को हृदय से शुभकामनाएं।

कमलनाथ ने भी दी बधाई 

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के रूप में मान्यता दी है। ग्वालियर की यह ख्याति संगीत सम्राट तानसेन और महान बैजू बावरा के कारण स्थापित है। यह मध्य प्रदेश के लिये गौरव का क्षण है कि ग्वालियर की समृद्ध संगीत परंपरा को  यूनेस्को ने यह सम्मान प्रदान किया है। बहुत बहुत बधाई।

वीडी शर्मा ने बधाई देते हुए कही ये बात 

मध्य प्रदेश स्थापना दिवस का यह शुभ दिन प्रदेशवासियों के लिए एक और खुशखबरी लेकर आया है। UNESCO द्वारा मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर को “सिटी ऑफ म्यूजिक” का दर्जा दिया गया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखी थी चिट्ठी

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर का नाम UNESCO के सिटी में शामिल हो इसके लिए समर्थन पत्र जून के माह में लिखा था। उन्होंने इस पत्र में ग्वालियर के महान सांस्कृतिक व संगीत के इतिहास की चर्चा की व ग्वालियर घराने के महान संगीतकार बैजू बावरा व तानसेन का भी ज़िक्र किया था। 

आज भी चल रही है गुरु शिष्य परम्परा

इस समर्थन पत्र में केंद्रीय मंत्री ने ग्वालियर घराने में अभी भी चल रही गुरु शिष्य परंपरा की व्याख्या की थी कि किस प्रकार आज भी सिंधिया घराने द्वारा ऐतिहासिक संगीत व पारम्परिक वाद्ययंत्र को बजाने वाले कलाकार व उनकी कला जीवित रहे, इसके लिए सिंधिया घराने द्वारा उनका संरक्षण किया जाता है। 

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