शब्बीर अहमद, भोपाल। संसद परिसर में धरना, प्रदर्शन, उपवास और धार्मिक क्रियाकलाप पर प्रतिबंध का विवाद अभी थमा भी नहीं है, इस बीच मध्यप्रदेश से संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस प्रतिबंध की तारीफ करते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में भी ऐसी व्यवस्था लागू करने पर विचार करने के संकेत देकर हलचल मचा दी है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा और संसद जैसे परिसर चर्चा के लिए हैं, जहां बाहुबल नहीं, बुद्धि कौशल का प्रदर्शन होना चाहिए।
नरोत्तम ने कहा कि संसद के धरना प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला प्रस्ताव अच्छा है, इसका पूरा अध्ययन अभी होना है। यह फ्लोर संवाद और चर्चा के लिए मिला है यहां चर्चा होनी चाहिए। नरोत्तम के इस संकेत से कांग्रेस भड़क गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार चीन और जर्मनी जैसा कानून लागू करना चाहती है, जिसमें कोई सरकार के खिलाफ आवाज न उठा सके। संविधान में सभी को आवाज उठाने का हक है।
बता दें कि संसद की तरह ही मध्यप्रदेश विधानसभा में भी सत्तापक्ष के किसी प्रस्ताव से नाराज विपक्ष महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना, प्रदर्शन करता है। सदन के भीतर और परिसर में नारेबाजी भी होती है, जिसे विपक्ष अपना लोकतांत्रिक अधिकार मानता है। इस पर रोक लगाने की संभावना मात्र से उनकी नाराजगी सामने आ गई है।
विधानसभा सत्र की तारीख बढ़ाने पर जताई आपत्ति
वहीं विधानसभा सत्र की तारीख बढ़ाए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मैं विपक्ष के नेता के तौर पर 25 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को बढ़ाए जाने पर सहमति दी थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद होने वाले सत्र पर विपक्ष की आपत्ति है। सरकार जनता से जुड़े सवालों से भागने की कोशिश कर रही है। सत्र को 3 सप्ताह की जगह सिर्फ 5 दिन का बुलाया गया है।
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