मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। बदलते समय के साथ लोगों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आज के वक्त में कई ऐसी बीमारियां हैं, जो आसानी से ठीक नहीं हो पाती है। लोगों के लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उन्हें उस बीमारी से जूझना पड़ता है। ऐसे में अब लाखों रुपए खर्च करने के बदले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अब मरीजों की कुछ बीमारियों का इलाज आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी पद्धतियों से किया जा रहा है।

दावा किया जा रहा है कि इन पद्धतियों से पुरानी से पुरानी बीमारियों को आसानी से ठीक किया जा रहा है। इससे एम्स की आयुष ओपीडी में अब मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। एम्स में रोजाना 4000 से 5000 मरीज आ रहे हैं। प्रदेश और प्रदेश के बाहर के मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। इसको देखते हुए एम्स ने आयुष विभाग में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक, योग, सिद्धि जैसी पद्धतियों से इलाज शुरू कर दिया है।

इसके लिए अलग-अलग विभाग बनाया गया है। वहां के मरीजों के परिचय भी अलग से बनाए जाते हैं। मरीजों के लिए दवाइयां की व्यवस्था भी की गई है। एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर अजय सिंह का कहना है कि मरीजों को हर स्तर पर इलाज उपलब्ध कराने के इंतजाम किया जा रहा है। एम्स में आयुष विभाग में सभी तारीख की पद्धतियों से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

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