शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में ‘वन स्टेट, वन हेल्थ’ पॉलिसी लागू करने की तैयारी है। इसका कॉन्सेप्ट जुलाई से शुरू होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सभी नागरिकों को समान और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह पॉलिसी एम्स और राज्य सरकार के स्वास्थ्य तंत्र के बीच समन्वय स्थापित करेगी। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि राज्य के किसी भी कोने में रहने वाले मरीज को उसी गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, जो राजधानी भोपाल में उपलब्ध हैं।

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इस विषय पर लल्लूराम डॉट कॉम ने जब डॉक्टर अजय सिंह से बात की, जो इस पॉलिसी के निदेशक हैं। उन्होंने बताया कि, “यह देश का पहला ऐसा मॉडल है जिसमें एम्स और राज्य सरकार के स्वास्थ्य तंत्र के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद भोपाल एम्स देश का दूसरा ऐसा एम्स होगा जहां यह सुविधा होगी। 

कई स्टडी पर हो रहा काम- अजय सिंह 

डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि अभी कई मेडिकल स्टडी पर काम हो रहा है। इसमें कई रिसर्च दुनिया के लिए मिसाल बनी है। पुरुषों समेत स्त्रियों के कैंसर पर हाई स्टडी रिसर्च हो रही है।   देश में पहली बार कैंसर 3D प्रिंटर भी बनाया गया है। आयुष और अन्य चिकित्सा पद्धति के संयुक्त इलाज की पद्धति पर अंतिम दौर में रिसर्च पर है।

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वहीं बांझपन से निजात के लिए भोपाल एम्स देश में इतिहास रचेगा। महिला और पुरुष बांझपन समेत नई तकनीक से गर्भाधान के लिए एम्स सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि आईबीए केंद्र बनाने के लिए केंद्र सरकार से परमिशन मिली है। एम्स अब घरों तक चिकित्सा उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहा है। एम्स के अलावा अन्य डॉक्टरों की क्वालिटी में भी एम्स का अहम रोल अदा करेगा। आने वाले समय में भोपाल एम्स ऐसा पहला एम्स होगा जो हर बीमारी का इलाज मरीजों तक पहुंचाएंगा। 

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