शिखिल ब्यौहार, भोपाल। बीते दिनों बीजेपी ने मध्यप्रदेश में एक गाना लांच किया। एमपी के मन में मोदी…मोदी के मन में एमपी। यह शब्द भले ही स्वर संगीत में पिरोए गए हों, लेकिन इसकी झलक राजधानी भोपाल में हुए बीजेपी के कार्यकर्ता महाकुंभ में दिखाई दी। पृथक सभ्यता और संस्कृति से परिभाषित मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत भी कुछ ऐसा ही हुआ। कहीं सागर की बधाई पर थिरकते युवाओं के कदम तो कहीं राई में बजती तुमड़ी से मोदी का अभिवादन। कई ऐसी तस्वीरें भी दिखाई दी जो अन्य राजनीतिक कार्यक्रमों से इस महाकुंभ को अलग करती हैं।
वैसे तो कार्यक्रम भोपाल के बीएचईएल क्षेत्र स्थित जंबूरी मैदान में था, पर पूरा शहर मोदी के स्वागत के लिए सजाया गया। आदिवासियों का सैलाना और गोंडी नृत्य तो जबलपुर की बरेदी लोक नृत्य कई चौराहों पर कार्यकर्ताओं को उत्साहित करते हुए दिखाई दिए। खास बात यह भी रही कि कई समाजों के पंडाल भी कार्यकर्ताओं की सेवाओं में सजाए गए थे।
भगवा में भोपाल, लगे जय श्री राम के नारे
राजधानी का शायद ही ऐसा कोई प्रमुख क्षेत्र होगा जहां भगवा का रंग दिखाई न दिया हो। चौराहों से लेकर तिराहे और सड़कों से लेकर इमारतें हर जगह भगवा और मोदी की तस्वीर दिखाई दी। जय जय श्री राम के नारे के साथ यह सियासी आयोजन भी किसी धार्मिक आयोजन से कम नजर नहीं आया। कई चौराहों पर कार्यकर्ताओं के लिए रंगोली के रंग भी दिखाई दिए।
रोरी-कुमकुम, तिलक और त्रिपुंड
आम तौर पर राजनीतिक कार्यक्रमों में झंडे, बैनर, पार्टी या व्यक्ति विशेष के नारों की झलक दिखाई देती है। उधर, कार्यकर्ता महाकुंभ में लोगों का अभिवादन भी अलग ही दिखाई दिया। हर आने जाने वालों को कहीं रोरी, कुमकुम से तिलक तो कहीं हर-हर महादेव की गूंज के साथ माथे पर त्रिपुंड लगाया जा रहा था।
साधु सन्यासी ने भी कराई आमद दर्ज
कार्यकर्ता महाकुंभ बीजेपी का था। लेकिन कार्यक्रम में साधु सन्यासियों की मौजूदगी ने लोगों को अचरज में डाला। एक दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में साधु सन्यासी भी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। प्रयागराज से आए बाबा आनंदगिरी से आमद दर्ज कराने का कारण पूछा तो बताया कि राम मंदिर, कश्मीर में धारा 370, महाकाल लोक, राजाराम लोक, मां नर्मदा के किनारे ओमकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की मूर्ति समेत कुछ और प्रोजेक्टों के नाम गिनाए। फिर यह भी कहा कि मोदी ने सनातन के साथ हिंदुत्व के लिए बहुत कुछ किया है। हमारा कार्यक्रम में आना वर्जित तो नहीं है।
मोदी ने आखिर कैसे चौकाया, मची हड़बड़ी
जंबूरी मैदान के पास बनाए गए हेलीपैड पर मोदी सेना के विमान से पहुंचे। फिर गाड़ी में सवार जंबूरी मैदान की ओर रुख किया। लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराज समेत अन्य नेता भी आगे निकल चुके थे। लेकिन तभी अचानक मोदी की कार रुकी और मोदी सीधे तपती दोपहरी में एक झलक का इंतजार कर रही जनता के पास जा पहुंचे। मोदी को कार से उतरता देख सुरक्षा कर्मी का घेरा भी चंद पलों में तैयार हो गया। लेकिन मोदी ने सुरक्षा कर्मियों को पीछे कर लोगों की पुष्प वर्षा के साथ अभिवादन स्वीकार कर बढ़ते कदमों को नहीं रोका।
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