अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने खुद को राजा साहेब बुलाये जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मुझे राजा-राजा कहना बंद कर दो। दिग्विजय कहो या दिग्विजय जी कहो। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र राजशाही में नहीं, जनता के राज में होता है। मैं राजशाही का नहीं, लोकतंत्र का प्रतीक हूं।

दरअसल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह रविवार को राजधानी भोपाल (Bhopal) स्थित रविंद्र भवन में ‘लोकतंत्र को बचाने में युवाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित यूथ कॉन्फ्रेंस (Youth Conference) में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का ये सेमिनार (Seminar) लोकतंत्र (Democracy) के विषय में है। लोकतंत्र राजशाही में नहीं होता है, लोकतंत्र जनता के राज में होता है। इसलिए जब बार बार आपके वक्ता दिग्विजय सिंह को राजा-राजा कह रहे थे, मुझे इसमें आपत्ति है।

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उन्होंने कहा कि मैं राजशाही का प्रतीक नहीं हूं, मै लोकतंत्र का प्रतीक हूं। इसलिए आज से राजा-राजा कहना बंद करो, दिग्विजय कहो या दिग्वियज सिंह कहो। इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इन्हें न लोकतंत्र पर और न संविधान पर भरोसा है। ये एकतंत्र और तानाशाही के हिमायती हैं। चीन और रूस में जिस प्रकार लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही चल रही है उसी तरह ये भारत में चलाना चाहते हैं। आज न केवल संविधान बल्कि लोकतंत्र खतरे में है। संसद में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बोलने नहीं दिया गया क्यूंकि वे मोदी और अडानी के बीच सांठगांठ पर सवाल उठाते हैं।

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