शिखिल ब्यौहार, भोपाल। MP Budget 2024: मध्यप्रदेश में नई सरकार का पहला पूर्ण बजट जुलाई के विधानसभा मानसून सत्र में आएगा। दूसरी ओर वित्त विभाग ने ढाई हजार करोड़ रुपये के कर्ज की तैयारी भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावी दौर में भूमिपूजन और स्वीकृत प्रोजेक्टों की तेजी के लिए सरकार कर्ज लेने की तैयारी में जुट गई है। उधर, बजट को लेकर विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विकास कार्यों के नाम पर लिए जा रहे कर्ज का दुरुपयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि आय से ज्यादा कर्ज का भार प्रदेश पर है। अब तक चार हजार करोड़ रुपये का कर्ज प्रदेश पर है। इसके बाद मंत्रियों के लिए नई कारों की खरीदी के लिए भी सरकार कर्ज के भरोसे कर रही है। कर्ज में डूबे मध्यप्रदेश को उभारने के लिए राजस्व बढ़ोतरी के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। साथ ही 60 हजार से अधिक के भूमिपूजनों की चुनावी दौर में सियासत की गई। श्वेत पत्र जारी कर सरकार प्रदेश को बताएं कि कर्ज का उपयोग कितना, कहां और क्यों किया गया।

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कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एक और कर्ज तो दूसरी ओर बढ़ते आर्थिक गड़बड़ियों के मामले इस बात का सबूत हैं कि कर्ज के नाम पर घी पीने का काम कर रही है। उधर, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अर्थव्यवस्था का ज्ञान नहीं है। प्रदेश की GDP ग्रोथ और कर्ज का अनुपात सही है। इस वक्त सबसे ज्यादा कर्ज भी अमेरिका पर है। जो प्रदेश या देश सबसे ज्यादा प्रगति करता है निश्चित तौर पर यह कर्ज से ही संभव होता है। बीजेपी सरकार ने हमेशा कर्ज का सही उपयोग किया। यही कारण है कि प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों की सूची में दर्ज हैं जो सबसे ज्यादा तेजी से विकसित हो रहे हैं। कांग्रेस को दिग्विजय सिंह शासनकाल और कर्ज का श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। यह वहीं दौर था जब प्रदेश की स्थिति दयनीय नहीं बल्कि बद से बदतर थी।

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