मुकेश मेहता, बुधनी। सीहोर (Sehore) जिले के बुधनी (Budhni) में स्थित अमरगढ़ वाटरफॉल (Amargarh waterfall) में नहाने वालों की अब खैर नहीं है। दरअसल, जलप्रपात में लगातार हो रहे हादसों को देखते हुए जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाया है। पिछले दिनों हुए हादसों को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए वन, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी जलप्रपात जहां पूर्व में हादसे हो चुके हैं। उन जगहों को फेसिंग कर प्रतिबंध लगाया जाएगा। वहीं प्रशासन की मनाही के बावजूद कोई अगर ऐसी जगह पाया जाता है तो उसके ऊपर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

दरअसल, बुधनी के शाहगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत अमरगढ़ जलप्रपात में रविवार को एक 29 साल का युवक डूब गया। डूबने वाला युवक शिवकांत यादव नर्मदापुरम (Narmadapuram) का रहने वाले था। जिसकी वन विभाग की टीम और स्थानीय गोताखोरों ने तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। अंधेरा होने से रेस्क्यू खत्म कर सोमवार सुबह फिर रेस्क्यू शुरू हुआ, लेकिन वह नहीं मिला। फिलहाल उसकी तलाश जारी है।

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इस मामले में रेंजर महिपाल सिंह ने बताया नर्मदापुरम के एक युवक के डूबने की जानकारी मिली थी जिसका नाम शिवकांत यादव है। चौकीदार और स्थानीय गोताखोरों ने रेस्क्यू किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। वहीं जंगल में अंधेरा होने पर रेस्क्यू करने में दिक्कत होती है। सोमवार सुबह से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, फिलहाल युवक की तलाश जारी है।

आपको बता दें कि अमरगढ़ वाटरफॉल घने जंगल में स्थित है। जहां पर आए दिन लापरवाही से नहाने के दौरान घटनाएं होती रहती है। वन विभाग की तरफ से खटपुरा के पास ही अमरगढ़ झरने की तरफ जाने के लिए प्रतिबंध का बोर्ड लगाया गया है। बावजूद लोग जोखिम उठाकर झरना देखने और नहाने पहुंचते हैं। रविवार को भी सैकड़ों लोग अमरगढ़ झरना पहुंचे। दोपहर में छलांग लगाने के दौरान नर्मदापुरम का युवक डूब गया।

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प्रशासन के बार-बार समझाइश देने के बाद भी लोग झरना स्थल पर पहुंच रहे हैं। वहीं वन्य जीवों का विचरण क्षेत्र होने पर जंगल में प्रवेश की मनाही को लेकर प्रतिबंध का बोर्ड लगा है। इसके बावजूद लोग अंदर घुस जाते हैं। जिसमें आए दिन हादसे हो रहे हैं। पूर्व में भी इस वाटरफॉल में कई हादसे हो चुके हैं। जिनमें अधिकतर लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पंहुच रहे हैं।

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