मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर में अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने गए जिला प्रशासन के अमले पर तीर और गोफन से हमला कर दिया गया। अतिक्रमणकारियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की। इस हमले में कई जवान घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं नेपानगर में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान खुले में पेट्रोल बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
मामला नावरा वन परिक्षेत्र के ग्राम घाघरला का है। जहां घाघरला के जंगल में पहुंची वनकर्मी, पुलिस टीम और ग्रामीणों पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। हमले के दौरान भी वन और पुलिसकर्मी जान बचाकर भागते नजर आए थे। जबकि ग्रामीण अतिक्रमणकारियों का मुकाबला करने के लिए कह रहे थे। अतिक्रमणकारियों के हमले से 14 से अधिक वनकर्मी, पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हुए है। सभी का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। सात घायलों को बुरहानपुर के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। बाकी के घायलों को नेपानगर के आसपास स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के लिए भेजा।
घटना की सूचना मिलते ही एसपी राहुल लोढा और अन्य पुलिस अफसर घाघरला गांव पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने उन्हें बंधक जैसी स्थिति में रखा। लोहे का गेट बंद कर बाहर डेरा जमा लिया। ग्रामीण अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने की मांग कर रहे थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने जिला अस्पताल पहुंचकर सभी घायलों का हाल-चाल जाना।
वहीं इस हमले के बाद जिला प्रशासन ने नेपानगर क्षेत्र में धारा 144 लागू की है। इस दौरान खुले में पेट्रोल बेचने पर भी पाबंदी लगाई है। ग्राम घाघरला क्षेत्र अंतर्गत 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों का समूह बिना सक्षम दंडाधिकारी के अनुमति के एकत्रित नहीं हो सकेंगे। सार्वजनिक जुलस/सभा, आयोजन, एवं अन्य समस्त कार्यक्रमों आदि बिना सक्षम प्राधिकारी क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी) के अनुमति के प्रतिबंधित रहेंगे। इस संबंध में एडीएम अभिषेक दुबे ने आदेश जारी कर दिया है।
इधर वन विभाग प्रमुख डीएफओ अनुपम शर्मा ने कहा कि गांव में अतिक्रमणकारियों की घुसपैठ की सूचना के बाद भी समय पर पुलिस और जिला प्रशासन का सहयोग नहीं मिला। एसपी कलेक्टर विभाग के दल पर हमले के बाद घटनास्थल पर आए। जबकि वनमण्डल अधिकारी पूरे समय मौके पर मौजूद रहे। डीएफओ अनुपम शर्मा ने बुरहानपुर फॉरेस्ट न्यूज व्हाट्सएप ग्रुप में सार्वजनिक बयान जारी किया है।
उन्होंने सार्वजनिक बयान में कहा कि घाघरला के ग्रामीणों को बचाने गए वन अमले पर 300 अतिक्रमणकारियों ने हमला किया, प्रशासन और पुलिस छिट्टियां लिखते रहे। स्थिति को देखते हुए वनमण्डल अधिकारी ने जिला कलेक्टर को दूरभाष पर कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में हवाई फायरिंग की अनुमति देने का भी निवेदन किया है। लेकिन जिला कलेक्टर ने इस मांग को दरकिनार कर दिया।
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