मोसिम तडवी, बुरहानपुर। अक्सर आपने लोगों को नदी, तालाब या फिर झरने में फंसते देखा होगा, लेकिन हम कहे कि कुछ बंदर डैम में फंसे हुए है, वो भी एक दो दिन से नहीं बल्कि महीनों से तो आप भी एक पल के लिए यकीन नहीं करेंगे। लेकिन यह सच्चाई है। मामला मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले का है। जहां ग्राम भावसा के डैम में करीब 4 महीने पहले अचानक पानी बढ़ जाने से 30 से अधिक बंदर एक झाड़ (पेड़ों) पर फंस गए थे। इनमे से 25 से ज्यादा बंदरों की मौत हो चुकी है। फिलहाल यहां चार से पांच बंदर बचे हुए हैं। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर बंदरों को खाना पहुंचा रहे हैं।
इधर सूचना के बाद वन अमला भी मौके पर पहुंचा और अपने तरफ से इन बंदरों को निकालने का प्रयास किया लेकिन उन्हें भी फिलहाल कामयाबी नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि यहां ग्रामीण रोजाना डैम से तैरते हुए खाना झाड़ पर टांगकर आ जाते हैं। बंदर इसे खाने को खाकर ही जिंदा है। बता दें कि पेड़ के चारों ओर 10 से 15 फीट तक पानी है, इस वजह से बंदर यहां से निकल नहीं पा रहे है। वहीं अब तक दो दर्जन बंदरों की मौत हो चुकी है।
ग्रामीणों के मुताबिक 4 महीने पहले अचानक ही डैम में पानी बढ़ गया था। करीब 30 से ज्यादा बंदर रात के समय झाड़ पर ही आराम कर रहे थे। अचानक चारों तरफ पानी हो गया, तो वह फंस गए। पहले तो बंदरों ने झाड़ पर लगी पत्तियां और डालिया खाकर खुद को जिंदा रखा, लेकिन फिर भूख और बीमारी की वजह से एक के बाद एक बंदरों की मौत होते गई। अब यहां सिर्फ 4 से 5 बंदर ही बचे है। जिन्हे बचाने की जद्दोजहद में वन विभाग और ग्रामीण जुटे हुए है।
वहीं इस मामले में बुरहानपुर रेंजर विक्रम सुलिया ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से यह समस्या बताई गई थी। इसको लेकर हमने नाव के माध्यम से बंदरों को बाहर निकालने का प्रयास किया था, लेकिन वह बंदर नाव पर नहीं आए। यह मामला वरिष्ठ अफसरों तक पहुंचा दिया गया और फिर से बंदरों को निकालने का प्रयास किया।
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