राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव को लेकर चल रहे शह-मात के खेल के बीच कांग्रेस ने कई अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 9 बीएलओ की पदस्थापना निरस्त करने के साथ तहसीलदार, सिविल सर्जन को हटाने की मांग कर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को रिमाइंडर भेजा है. वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

जाति विशेष के 46 बीएलओ

विजयपुर विधानसभा चुनाव से कुछ अफसर और कर्मचारियों को दूर रखने के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयोग को रिमाइंडर भेजा. इसमें जाति विशेष के 46 बीएलओ को अनावश्यक परिवर्तित करने का जिक्र है. साथ ही 9 जाति विशेष के बीएलओ की नवीन स्थापना निरस्त करने की मांग की गई है. रिमाइंडर में मुरैना सिविल सर्जन डॉ गजेन्द्र सिंह तोमर पर कार्रवाई करने की मांग की गई है. कांग्रेस चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने कहा है कि डाॅ तोमर मुरैना में पदस्थ हैं, जबकि श्योपुर जिले की विजयपुर में काम कर रहे हैं. इसी तरह परिवहन विभाग में पदस्थ बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत के भाई भरत रावत और रामप्रकाश को भी हटाने की मांग की गई है.

संवैधानिक संस्था पर सवाल

साथ ही श्योपुर तहसीलदार अमिता तोमर और सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग श्योपुर लालजी राम मीणा की शिकायत के मामले में भी आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. जेपी धनोपिया ने कहा है कि इन सब अफसर-कर्मचारियों की पहले भी शिकायत की जा चुकी हैं. आज फिर रिमाइंडर भेजा गया है. आयोग जांच करे, हमारी शिकायत गलत हो तो कोई कार्रवाई न करे. इधर, कांग्रेस की शिकायत पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा है कि जो शिकायतें सही पाई गईं आयोग उन मामलों में कार्रवाई कर चुका है. कांग्रेस अब बेवजह शिकायत कर रही है. कांग्रेस को संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है.

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