शिखिल ब्यौहार, भोपाल। लोकसभा चुनावी दौर में दलबदली और टिकट वितरण से उपजे समीकरणों के चलते मध्य प्रदेश में एक बार फिर उपचुनाव का बिगुल बजना तय है। हालांकि चुनावों को लेकर पूरी तस्वीर आगामी चार जून को साफ होगी। लेकिन, कुछ सीटों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म हो रहा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सीट बुधनी टॉप पर है।

इन सीटों पर बन रहे समीकरण

एमपी की बुधनी विधानसभा बीते दो दशकों से शिवराज सिंह का गढ़ बनी हुई है। उधर, बीजेपी का गढ़ रही विदिशा लोकसभा से शिवराज सिंह की जीत भी तय मानी जा रही है। पूर्व सीएम की दिल्ली रवानगी के बाद बुधनी विधानसभा में उपचुनाव होंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की राज्यसभा सीटों को लेकर सियासी समीकरण उलझेंगे।

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राजगढ़ लोकसभा सीट से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चुनाव लड़े। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय का कार्यकाल भी 19 जून 2026 तक है। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस के खाते की राज्य सभा सीट पर समीकरण बनेंगे। यह राजगढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की जीत पर निर्भर है। इसके अलावा गुना लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का राज्यसभा में कार्यकाल 19 जून 2026 तक है। यदि जीते तो उनकी सीट पर उपचुनाव होगा।

कांग्रेस ने मौजूदा 4 विधायकों को लोकसभा में दिया टिकट

विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से यह सीट भाजपा के ही खाते में जाना है, इसलिए कई दिग्गजों की नजरें हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मौजूदा चार विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा। लिहाजा चुनावी परिणाम से उपचुनाव का नया समीकरण तैयार होगा। इसमें भिंड लोकसभा से भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया, सतना लोकसभा से विधायक सिद्धार्थ, शहडोल लोकसभा से पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल मार्को और डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने मंडला सीट से चुनाव लड़ा।

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Congress के तीन विधायकों ने थामा BJP का दामन

लोकसभा चुनावी दल बदल के दौर में कांग्रेस से तीन विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा। इसमें अमरवाड़ा से कमलेश शाह, विजयपुर से रामनिवास रावत, बीना से निर्मला सप्रे ने कांग्रेस को छोड़ बीजेपी ज्वाइन की। उधर, बुधनी विधानसभा को लेकर यह माना जा रहा है कि शिवराज के परिवार से ही उपचुनाव में दावेदारी होगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में डेढ़ दशक में विधानसभा में 66 सीटों पर उपचुनाव हो चुके हैं। जिन सीटों पर बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, वहां अंदरूनी तौर पर मंथन उपचुनाव के लिए मंथन भी शुरू हो गया है।

भाजपा में परिवारवादी राजनीति का केंद्र- कांग्रेस

इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने बताया कि लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद ही पार्टी आगामी मंथन करेगी। लेकिन कांग्रेस से बीजेपी में गए तीन विधायकों की सीट पर उपचुनाव के लिए मंथन किया जा रहा है। इसके अलावा आरोप लगाया कि कांग्रेस पर हमेशा परिवारवाद का आरोप लगाने वाली बीजेपी बुधनी सीट पर क्या निर्णय लेगी यह देखने वाली बात होगी। बीजेपी में राजनाथ सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, अनुराग ठाकुर, नरेंद्र सिंह तोमर कई ऐसे नेताओं की सूची है, जो परिवारवादी राजनीति का केंद्र रहे हैं।

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बीजेपी ने किया पलटवार

वहीं कांग्रेस के आरोप पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेता अजय सिंह यादव ने कहा कि भाजपा जीवंत संगठन है। 12 महीने 24 घंटे जनता के बीच में रहने वाले बीजेपी हमेशा चुनाव के लिए तैयार है। बुधनी समेत अन्य सीट और राज्यसभा में प्रत्याशी को लेकर निर्णय संगठन करेगा, कांग्रेस नहीं। जनता इस बात को जानती है कि कांग्रेस सिर्फ परिवारवाद की ही देन है।

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