भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युदय हो रहा है। आज दुनिया भारत की ओर देख रही है और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत शनै:-शनै: अपनी अद्वितीय छाप छोड़ता जा रहा है। राज्य सरकार कला-संस्कृति को संरक्षित करते हुए विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तानसेन संगीत समारोह प्रदेश का उल्लेखनीय और प्रतिष्ठित समारोह है। संगीत सम्राट तानसेन की सुर और तान ने ग्वालियर को दुनिया में अलग पहचान दिलवाई है। तानसेन भारतीय शास्त्रीय संगीत के शिखर पुरुष थे। संगीत सम्राट तानसेन ने गुरु स्वामी हरिदास जी के सानिध्य में संगीत की बारीकियां सीखकर नए आयाम दिए हैं। उनकी तान सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। तानसेन की ख्याति ऐसी थी कि अकबर ने उन्हें अपने नवरत्नों में शामिल किया है। वैदिक काल से शास्त्रीय संगीत हमारे जीवन और संस्कृति का हिस्सा है और सामवेद इसका साक्षी है। इसके पहले अपर मुख्य सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने तानसेन समारोह के महत्व को बताते हुए रूपरेखा की जानकारी दी।
सभी सम्मानित कलाकारों को दी बधाई
तानसेन समारोह के शुभारंभ के साथ राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान समारोह का आयोजन भी हुआ। इसमें प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. राजा काले मुंबई को वर्ष 2024 एवं सुविख्यात संतूर वादक पं. तरुण भट्टाचार्य को वर्ष 2025 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया गया। इसी तरह मंडलेश्वर की साधना परमार्थिक संस्थान समिति को वर्ष 2024 एवं ग्वालियर की रागायन संगीत समिति को वर्ष 2025 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान से अलंकृत किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी सम्मानित विभूतियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
ये भी पढ़ें: 17 दिसंबर CM डॉ मोहन वन मेले का करेंगे शुभारंभ: भूटान-नेपाल के प्रतिनिधि होंगे शामिल, अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला और संस्कृतिक कार्यक्रम भी
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक “तानसेन समारोह” आयोजित हो रहा है। जाहिर है ग्वालियर की फिज़ाएं अगले पांच दिनों तक सुर, ताल व राग की बारिश में सराबोर रहेंगी। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनियां के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ” तानसेन समारोह ” में इस बार अलग ही रंग भरे गए हैं। राज्य शासन के संस्कृति विभाग की उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी व मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा जिला प्रशासन व नगर निगम के सहयोग से हर साल तानसेन संगीत समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएं होंगी
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा सोमवार को सायंकाल को तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दो संगीत सभायें समानांतर रूप से सजेंगी। यह सभायें तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच व मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन 19 दिसंबर को सुबह सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी। ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र लोधी, विधायक मोहन ठाकुर, विधायक सुरेश राजे, महापौर शोभा सिकरवार, संचालक संस्कृति एनपी नामदेव समेत बड़ी संख्या में कला प्रेमी मौजूद रहे।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें



