शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने सप्रे संग्रहालय में भारतीय भाषा महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाचनालय, ग्रंथालय में सभी विचारकों की पुस्तकें रखी जाएंगी। मुख्यमंत्री आरएसएस के विचारों की पुस्तकें महाविद्यालयों के लाइब्रेरी में रखने को लेकर यह बयान दिया है।
शुक्रवार को भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय में आयोजित “भारतीय भाषा महोत्सव” का शुभारंभ कर पुस्तकों का विमोचन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने RSS के विचारकों की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को लेकर उठ रहे विवाद पर जवाब दिया हैं। उन्होंने कहा कि अभी पाठ्यक्रम का कोर्स बना नहीं है, अभी वो कोर्स बनना बाकी है। उसकी अपनी कमेटी है, उसका अध्ययन मंडल है वो फाइनल करेगा।
डॉ यादव ने कहा कि 55 जिले के अंदर जो पीएम एक्सीलेंस कॉलेज बनाए गए हैं। वहां हमने लाइब्रेरी बनाई है। हमने कहा है कि लाइब्रेरी में कोई भी विचारवान लेखक होगा, उन सभी की पुस्तकें वहां रखी जाएगी। हम वहां पुस्तके ना रखें तो क्या करें, पुस्तक रखनी पड़ेगी। पुस्तक रखने में अब वो राष्ट्रीय स्वयं संघ के हो या अन्य कोई भी हों। आपकी इच्छा हो तो पढ़ो और नहीं इच्छा है, तो मत पढ़ो।
सीएम ने कहा कि हमारे यहां ऐसा माना जाता है कि ज्ञान दसों दिशाओं से आना चाहिए। ज्ञान का प्रवाह कभी नहीं रुकना चाहिए, भारत की विशेषता भी यही है। भारत के आगे बढ़ने का कारण भी यही है। डॉ यादव ने कहा कि हमारे यहां कहां गया है, सर्वे भवंतु सुखिन: हम तो सभी के लिए सोच कर चलने वाले हैं। दसों दिशाओं से जो विचार आते हैं, उसमें से हम अपने मूल विचार को भूले नहीं है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि वाचनालय, ग्रंथालय इसीलिए होते हैं, अभी ये परंपरा थोड़ी कम हो गई है। डॉ यादव ने कहा कि लाइब्रेरी में सभी प्रकार के कोर्स की पुस्तकें होने चाहिए।
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