शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रालय में अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में अतिवृष्टि से उपजे हालातों, बाढ़ नियंत्रण, एमपी के कोचिंग संस्थानों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। वहीं उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर्स को हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि वर्षा काल में एमपी में कहीं भी जन हानि न हो। इसके लिए सभी कलेक्टर्स अपने नेतृत्व में जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपे। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो कलेक्टर्स समय पर बताएं।

सोमवार को सीएम मोहन यादव ने मंत्रालय में बैठक की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वर्षा की स्थिति और कुछ जिलों में बाढ़ की आशंका के संबंध में समीक्षा की। साथ ही जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये।

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दिल्ली बेसमेंट हादसे का किया जिक्र

वहीं मीटिंग में CM ने दिल्ली हादसे का भी जिक्र किया। उन्होंने मध्य प्रदेश में बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों से संबंधित तमाम व्यवस्थाओं को लेकर मॉनिटरिंग और सतत अभियान चलाने का भी निर्देश दिया हैं। मुख्यमंत्री मोहन ने कहा कि कल दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए एक हादसे में बेसमेंट क्षेत्र में पानी भरने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन युवाओं की असामयिक मृत्यु दु:खद और दर्दनाक है। इस घटना के प्रकाश में मध्यप्रदेश के बेसमेंट में संचालित कोचिंग केंद्रों के सर्वे के निर्देश दिए गए हैं।

पुल-पुलियों और रपटों पर बहाव तेज हो तो आवागमन न किया जाए

CM ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित करे, जहां पूर्व दुर्घटनाएं में हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। स्थानीय स्तर पर तालमेल रहे। जिलों और तहसीलों की परस्पर जानकारी रहे। अति वर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से प्रशासन को निपटना है। उन्होंने कहा कि कोई जनहानि न हो, इसके लिए सजग रहें। निरंतर मॉनिटरिंग होती रहे। कंट्रोल रूम की ड्यूटी वाले अधिकारी-कर्मचारी 24 घंटे चैतन्य रहें। जरूरत के अनुसार स्काउट-गाइड और सेवा भावी संस्थाओं की सेवाएं अति वर्षा की स्थिति में प्राप्त करें।

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कटनी के परिवार के लिए स्वेच्छानुदान से राशि मंजूर

मुख्यमंत्री ने कहा है कि हाल ही में जबलपुर, मंडला और कटनी जिलों में अति वर्षा से कुछ नागरिकों की असमय मृत्यु हुई है, जो पीड़ादायक है। ऐसी दुर्घटनाएं आगे न हों, यह सुनिश्चित किया जाए। जहां लोग पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं, ऐसी नदियों और तालाबों पर बचाव दल की आवश्यक व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने कुछ जिलों में अधिक वर्षा से हुई जन हानि को दुखद बताया। विशेष रूप से कटनी जिले में एक कुएं में गिरने से चार लोगों की मृत्यु पर भी दुख व्यक्त किया। इस मामले में सीएम ने पीड़ित परिवार को को 4-4 लाख रुपए के मान से 16 लाख रुपए की राशि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से मंजूर की है। उन्होंने कहा कि ऐसी दुर्घटनाएं नहीं होना चाहिए। खुले बोरवेल भी बंद हों। ऐसी लापरवाही से किसी की जान जा सकती है। नागरिक स्वयं सजग रहें और प्रशासनिक अमला भी सक्रिय और सजग रहे।

मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें

उन्होंने कहा कि सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगातार होता है। इसका जिले वार आकलन किया जाए। त्यौहारों पर नागरिकों के धर्म स्थलों पर जाने के मार्ग और उन स्थानों पर भी आवश्यक सुरक्षा आवश्यक है, जो धर्मस्थल जल स्रोतों के पास या नदियों के पास हैं। ऐसी जगहों पर जहां जल स्तर बढ़ सकता है, वहां सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने उज्जैन कमिश्नर, शाजापुर कलेक्टर, नर्मदापुरम, जबलपुर और कटनी से वर्षा की स्थिति और बाढ़ की आशंका के संबंध में जानकारी लेकर निर्देशित किया हैं।

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