अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आज लाड़ली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) के तहत छात्रवृति वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने प्रदेश की 3 लाख 33 हजार 842 लाड़ली बेटियों के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से 107 करोड़ 67 लाख की छात्रवृत्ति (scholarship) की राशि ट्रांसफर की. उत्कृष्ट सम्मान पाने वाले बेटियों को मुख्यमंत्री शिवराज ने सम्मानित किया. मंच पर सीएम शिवराज को योजना के लिए धन्यवाद देते एक महिला भावुक हो गई.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने कहा कि मैंने कहने के लिए नहीं कहता हूँ. जो लाड़ली लक्ष्मी आपके मम्मी बैठी है, वो मेरी बहन है. ये एक बड़ा परिवार है. इस परिवार को सुख को हो. 2007 में हमने इस योजना को शुरूआत की. बचपन से मैं भेदभाव देख रहा हूँ. माँ भी भेदभाव कर रही थी. बेटे को ज़्यादा प्यार और बेटी को कम देती थी. घर में बेटे पैदा होते थे, तो लगता था की वो बेटा ही लाठी का सहारा है. वो बेटा सहारा बनेगा या लट्ठ मारेगा क्या पता. एक अजीब से धारणा है. एक समय ऐसा आया की एक हज़ार बेटों पर बस 912 बेटियाँ पैदा होती है. ये भगवान ने भेदभाव नहीं किया इंसान ने किया है. ये धरती पर पाप के रूप में हुआ है.
उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था तो आत्मा रोती थी. तब लगता था की बेटा बेटी बराबर क्यों नहीं. मैंने एक कार्यक्रम में बोला की सबको बराबर करो. तो बूढ़ी अम्मा आपत्ति लेने लगी मुझे लगा की शिवराज ये भेद मिटाना है, तो भाषण से काम नहीं चलेगा.
2005 में मैं मुख्यमंत्री बना तब मैंने तय कर किया की बेटी को बोझ के रूप में सोचा जा रहा है, इसे खत्म करूं. तब मैंने सोचा की बेटी लखपति पैदा हो तो परेशानी नहीं होगी. मैंने सोचा की जब राशि दिया जाये तो स्वीकृति पत्र दिया जाए और इसे पढ़ाई से जोड़ दिया जाए. मेरी बेटियों को अभी आगे बढ़ना पढ़ना है. डॉक्टर बनो, प्रोफेसर बनो, कोई मुख्यमंत्री भी बन जाना.
सीएम ने कहा कि बेटियां सब बन सकती है. मेरी बहने बैठी है, मम्मी सबकी आयी है. बेटी बोझ नहीं है अद्भुत वरदान है. जब मैं बेटी के पैर छूता हूँ, तो मन में आता है की साक्षात देवी के पैर छू रहा हूँ. बेटी जब तक ज़िंदा रहेगी, उनकी हर साँस माँ पिता के लिए चलेगी. बेटी है, तो ही कल है. अभी मेरी बहने सोच रही होंगी की मामा भांजियों के लिए सब कर रहे. हमारे लिए नहीं.
लेकिन अब आपके लिए लाड़ली बहना योजना शुरू होगी. एक हजार रुपये ट्रांसफ़र किए जाएंगे. शादी भी मामा करवाएगा चिंता मत करना. 50 प्रतिशत रिजर्वेशन बहनों के लिए चुनाव में रिज़र्व होंगी.
उन्होंने कहा कि तुम्हारे जीवन बेहतर बने, इसमें कोई कसर छोड़ेंगे. बेटियों का ध्यान रखें. बेटी को खुली हवा में सांस लेने दो. पढ़ने दो, लिखने दो, खेलने दो. लाड़ली लक्ष्मी का इंपैक्ट आ रहा है. अब हर बेटी को माँ पिता पढ़ाना चाहते है. इसके कारण बाल विवाह भी ख़त्म होते जा रहे है. बेटियों के जन्मदिन पर धूमधाम से आयोजन होते है. इसलिए बेटियों को आगे बढ़ाए. जिनको मैंने गोद में खिलाया, वो बेटी कॉलेज जा रही है. लाड़ली लक्ष्मी योजना समाज में बदलाव लेकर आई है. आज का कार्यक्रम मेरे लिए बहुत भावनात्मक और अद्भुत है.
आज बेटियों के खाते में हमने राशि ट्रांसफर किया है. उनकी पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप के रूप में हमने जारी की है. ये मेरी लाड़ली लक्ष्मी बेटियां हैं, जो मेरी आत्मा है जो मेरे प्राण है. लाड़ली लक्ष्मी योजना बेटियों के साथ सशक्तिकरण का प्रतीक बन गए हैं. अब 44 लाख से ज़्यादा लाड़ली लक्ष्मी बेटियां मध्य प्रदेश में है. अब उसमें से कई वो बेटियां हैं, जिनको मैंने गोद में खिलाकर उछाल कर वचन पत्र दिए थे. बेटियों के बिना देश नहीं चल ही नहीं सकता, दुनिया नहीं चल सकती.
इसलिए आज मैं पूरे प्रदेश भर की लक्ष्मी बेटियों से जुड़ा, मेरा मन गदगद है प्रसन्न है. मुझे संतोष है कि यह योजना बेटियों के प्रति समाज में बदलाव लेकर आ रही है. हमने लाड़ली लक्ष्मी योजना बनायी थी, उसकी कॉलेज की पढ़ाई में भी हम पैसा दे रहे हैं. इसके साथ उच्च शिक्षा मेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई में भी फ़ीस हम भरवाने का प्रावधान कर रहे हैं. ताकि बेटियों की प्रगति की गति कभी रुके नहीं और यही बेटियां समाज में बड़ा बदलाव लेकर आएगी.
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