मध्यप्रदेश में कलेक्टर जनसुनवाई (MP collector public hearing) में लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि सरकारी दफ्तरों (Government offices) का चक्कर लगा लगाकर थक चुके लोगों को मजबूरी में कलेक्ट्रेट में घातक कदम उठाना पड़ता है। ऐसे ही दो मामले जनसुनवाई के दौरान सामने आए है। पहला मामला ग्वालियर (Gwalior) का और दूसरा बालाघाट (Balaghat) का है।

कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में एक परिवार के 4 लोगों ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश की, जिसके चलते अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आत्महत्या की कोशिश करने वाले परिवार के लोग भू-अधिकार के तहत दिए गए पट्टे की जगह, दूसरे स्थान पर जगह मांग रहे थे। प्रशासन पर दबाव डालने के चलते विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने परिवार के 4 लोगों को हिरासत में लिया है।

दरअसल ग्वालियर में नए जिला पंचायत भवन का निर्माण जिस जगह पर हुआ है। उस सरकारी जमीन पर कदम सिंह का परिवार बीते कई सालों से कब्जा किया हुआ था, जिला पंचायत के निर्माण से पहले और सरकारी जमीन से कब्जा हटाया गया। उस दौरान कदम सिंह के परिवार के मकान को जमींदोज किया गया था लेकिन शासन ने 2019 में ही कदम सिंह और उनके बेटे किशोर सिंह जाटव के नाम मुख्यमंत्री आवास मिशन शहरी अधिकार पत्र दिया। जिसके तहत रमौआ डैम के पास उन्हें जगह दी गयी।

Read More: कांग्रेस की किताब पर एमपी में सियासी पारा हाईः राष्ट्रीय स्तर तक मचा बवाल, कांग्रेस ने किताब भेंट करने बीजेपी से मांगा समय

लेकिन कदम सिंह का परिवार बीती कई जनसुनवाई में आकर जिला पंचायत भवन के करीब ही जगह की मांग कर रहा था। मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान भी एडीएम को लेटर देते हुए जगह की मांग की गई तो प्रशासन ने नियमानुसार जगह ना दे पाने की बात कही। जिसे सुनने के बाद कदम सिंह और उसके परिवार के अन्य लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल थी उन्होंने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश करने लगे। घटना के बाद तत्काल मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने परिवार के चार लोगों को हंगामा खड़ा करने पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस के सुपुर्द किया।

परिवार की महिला सदस्य गीता का कहना है कि जिस जमीन से उन्हें हटाया गया, उस जमीन पर वह 50 साल से ज्यादा वक्त से रह रहे थे। ऐसे में उन्हें शहर से दूर जगह दी गई है जहां परिवार के साथ रह पाना संभव नहीं है। यही वजह है कि वह जिला पंचायत के पास ही जगह की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले पर एडीएम एचबी शर्मा का कहना है कि प्रशासन पर इस तरह का दबाव डालने का प्रयास गलत होता है। इस दौरान परिवार के सदस्यों को जान का नुकसान भी हो सकता था। फिलहाल परिवार के सदस्यों से बात कर उन्हें समझाइश दी जा रही है।

ये भी पढ़ें- Sharad Yadav: नदी में नहीं बहाई गई शरद यादव की अस्थियां, बेटी ने बताई ये वजह

नीरज काकोटिया, बालाघाट। जिले के लांजी में रहने वाली विधवा बुजुर्ग सुलोचना महोबिया ने आज जनसुनवाई में पहुंचकर अपनी देवरानी से दुकान (कमरा) का कब्जा दिलाने की गुहार लगायी। साथ ही कब्जा नहीं मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।

महिला ने बताया कि जनपद पंचायत द्वारा एक दुकान पति के नाम प्राप्त हुई थी। मृत्यु के पश्चात उसने अपने देवर को दे दिया था। अब देवर की भी मौत हो गई हैं। वहीं इस दुकान पर इस समय देवरानी शिवांगी महोबिया का कब्जा हैं और वह दूसरे को किराये पर देकर उस दुकान का संचालन कर रही हैं। अपर कलेक्टर डॉ. शिवगोंविद मरकाम ने कहा मामले में जांच की जा रही। आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus