शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (MP Vidhan Sabha Election 2023) होने हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) जबलपुर (Jabalpur) दौरे पर रहेंगी। जहां वे कांग्रेस के चुनाव प्रचार का शंखनाद करेंगी। प्रियंका गांधी दौरे के दौरान कई चीजों को साधते नजर आएंगी। हिंदुत्व के साथ आदिवासी और महिलाओं पर फोकस रहेगा। मां नर्मदा का पूजन कर दौरे की शुरुआत करेंगी।
प्रियकां गांधी इसके बाद गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर जाएंगी। शहीद स्मारक गोल बाजार में जनसभा को संबोधित करेंगी। प्रियंका जनसभा में महिलाओं को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती हैं। वे करीब 3 घंटे जबलपुर में रहेंगी। दौरे को सफल बनाने में कांग्रेस के सभी दिग्गज जबलपुर में मौजूद है।
मिनट 2 मिनट कार्यक्रम
प्रियंका गांधी सुबह 10:30 बजे जबलपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगी। 10:40 बजे हेलीकॉप्टर के जरिए ग्वारीघाट जाएंगी। यहां बाय रोड ग्वारीघाट नर्मदा जी की पूजा करेंगी। सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर नर्मदा पूजन में शामिल होंगी। 11:20 बजे महारानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल पर पहुंचेंगी। जहां वे शहीद स्मारक पर 11:35 बजे जनसभा को संबोधित करेंगी। करीब 2 घंटे शहीद स्मारक जनसभा स्थल पर रुकेंगी। इसके बाद प्रियंका गांधी दोपहर 1:50 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम
प्रियंका गांधी के दौरे को देखते हुए सुरक्षा भी काफी पुख्ता की गई है। सुरक्षा व्यवस्था का खास ख्याल रखा गया है, 4 डीएसपी, 8 टीआई और करीब 200 का पुलिस बल द्वारा उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी रखी जाएगी।
आखिर क्यों आदिवासियों पर कांग्रेस का फोकस ?
प्रदेश के सियासत आदिवासियों के इर्द-गिर्द घूमती है। कहा जाता है कि एमपी की सत्ता की चाबी आदिवासियों के पास है! प्रदेश में 20 से 22 फीसदी जनसंख्या आदिवासियों की है। जिसमें से 47 सीटे समाज के लिए आरक्षित है, जबकि 25 सीटों पर निर्णायक भूमिक निभाते हैं। एमपी की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों आदिवासी समाज के लिए आरक्षित है। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास 30 सीटें गई थी। वहीं बीजेपी के खाते में 16 सीटें गई थी। आदिवासी 78 सीटों पर हार जीत तय करते हैं। एमपी की जनसंख्या के 22 प्रतिशत आबादी आदिवासी है। 2011 जनगणना के मुताबिक, प्रदेश में 43 आदिवासी समूह है।
क्यों चुनी संस्कारधानी जबलपुर?
कांग्रेस के लिए जबलपुर से चुनावी आगाज लक्की रहा है। पिछले चुनाव में भी राहुल गांधी ने नर्मदा जी की पूजा कर चुनावी शंखनाद किया था। महाकौशल अंचल में जातिगत सीट का गणित इस प्रकार है। महाकौशल में कुल 38 विधानसभा सीट है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को अच्छी कामयाबी मिली थी। कांग्रेस ने महाकौशल की 38 सीटों में से 24 सीटों पर कब्जा किया था। वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 13 सीटें गई थी। महाकौशल की कई सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। जबलपुर में 8 सीट में 2 सीट रिजर्व है, सीहोरा विधान सभा-एसटी, पूर्व विधान सभा-एससी आरक्षित है। मंडला जिले में 3 में से 3 सीट एसटी के लिए, नरसिंहपुर सीट में से 1 गोटेगांव सीट एससी के लिए आरक्षित है।
वहीं छिंदवाड़ा में कुल सीट 7, 3 एसटी, 1 एससी, सिवनी जिले की 4 सीट में से 2 सीट आदिवासी के लिए आरक्षित है। लखनादौन और बरघाट एसटी के लिए आरक्षित, बालाघाट की 6 सीट में से 1 बैहर सीट एसटी, डिंडोरी जिले में 2 सीट दोनों सीट एसटी, कटनी जिले में कुल 4 सीट है, 4 में से 1 बड़वारा एसटी के लिए आरक्षित है। शहडोल, डिंडोरी, मंडला, अलीराजपुर और झाबुआ जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक