सुधीर दंडोतिया, भोपाल। उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इसे तैयार करने के लिए बनाई गई समिति ने अपना सारा काम कर लिया है। इसकी जानकारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी है। हालांकि राज्य के UCC लागू करने की तैयारी पर मध्य प्रदेश कांग्रेस पीसीसी चीफ ने सवाल उठाए हैं। जीतू पटवारी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को डिवाइडिंग सिविल कोड बताया है।
कांग्रेस ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को बताया डिवाइडिंग सिविल कोड
दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिये बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है। जल्द ही प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। ऐसे में अब देश भर में इस मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे यूनिफॉर्म सिविल कोड के बजाय ‘‘डीसीसी-डिवाइडिंग सिविल कोड’’ करार दिया है।
ग्वालियर में लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार का रवैया देश में नफरत और घृणा की नई राजनीति फैलाने का है। मैं मानता हूं कि इससे अलग-अलग वर्गों के छात्रों और युवाओं में भी भेदभाव की स्थिति उत्पन्न होगी। ऐसा करके यह देश को अराजकता की ओर ले जा रहे हैं।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)
यूनिफॉर्म सिविल कोड (uniform civil code) या समान नागरिक संहिता (UCC) में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक समान, एक बराबर कानून बनाने की वकालत की गई है। आसान भाषा में बताया जाए तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए कानून एक समान होगा। यह संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। इसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।
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