शब्बीर अहमद, भोपाल। सोशल मीडिया पर अपनी जड़ें मजबूत करना आज के समय राजनीतिक दलों के लिए बेहद जरूरी हो गया है, लिहाजा कांग्रेस ने 2023 के चुनाव के मद्देनजर अभी से प्रदेश के हर जिले में अपनी सोशल रीच बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है, कांग्रेस अब रीच 100 का फार्मूला लेकर आई है।

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कांग्रेस का मिशन ‘रीच 100’

कांग्रेस रीच 100 के जरिए प्रदेश के हर जिले में ऐसे लोगों की फौज तैयार करने की कवायद में जुट गई है जो कांग्रेस की विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं। साथ ही भाजपा सरकार की योजनाओं और कामों से नाखुश हैं, कांग्रेस का फोकस है कि समाज के प्रभावशाली लोगों को इस मिशन से जोड़ा जाए। रीच 100 में डॉक्टर, वकील, समाजसेवी और कांग्रेस के पारंपरिक वोटर शामिल होंगे। पूरे प्रदेश में रीच 100 का नेटवर्क चलाने की जिम्मेदारी कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस के आईटी सेल को दी है ,कांग्रेस की कोशिश है कि रीच हंड्रेड को जल्द ही 500 और उसके बाद और बड़ी संख्या में तब्दील किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कांग्रेस से सीधे जुड़ सकें।

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सोशल मीडिया पर बीजेपी को देंगे जवाब

रीच 100 का नेटवर्क मध्य प्रदेश के पूरे 53 जिलों में तैयार किया जाएगा, फिलहाल 13 जिलों में टीम तैयार कर दी गई है। इस मिशन में मुख्य रूप से लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक ,व्हाट्सएप ,इंस्टाग्राम टि्वटर के जरिए जोड़ा जाएगा।

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इसके जरिये कांग्रेस के तमाम कंटेंट को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। हालांकि कांग्रेस की इस पूरी कवायद पर भाजपा का मानना है कि कांग्रेस की यह कोशिश भी नाकाम साबित होगी ,जनता का भरोसा भाजपा के साथ हर हाल में बना रहेगा।
साल 2014 के बाद चुनावों का ट्रेंड भी बदला है, अब चुनाव जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी जमकर लड़े जाते हैं,सोशल मीडिया वोटर्स की राय बनाने में अहम भूमिका निभा रही है, बहरहाल देखना होगा कि कांग्रेस और भाजपा की सोशल मीडिया पर सीधी लड़ाई में कौन बाजी मारती है।

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