कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश आरक्षक भर्ती परीक्षा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. फिजिकल परीक्षा से पहले ही मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. सरकार की ओर पुलिस मुख्यालय ने हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की है. अब इसकी भी सुनवाई हाईकोर्ट करेगी. इसलिए आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के लगे आरोप को लेकर उपजा विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है. इन सब के बीच अभ्यर्थियों को पिसना पड़ रहा है.

एमपी आरक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर परीक्षार्थी कई दफा विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं. कांग्रेस पुलिस भर्ती परीक्षा को व्यापम 2 घोटाला बता चुकी है. छात्र रिजल्ट प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं. परीक्षा कराने की जिम्मेदारी पीईबी यानी व्यापम को सौंपी गई थी. परीक्षा में नंबर कम ज्यादा करने के आरोप लगे हैं. पीएचक्यू ने मामले में अलग से बोर्ड बनाने की अपील कर चुका है. लेकिन गृह मंत्रालय पीएचक्यू का प्रपोजल लौटा चुका है.

कांस्टेबल भर्ती 2020ः परिणाम को लेकर उठे सवालों पर PEB ने दिया स्पष्टीकरण, कहा- नियमों के तहत अपनाई गई प्रक्रिया

पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा देने वाले छात्रों का आरोप है कि सुबह क्वालिफाइड दिखाया गया औऱ शाम को नॉट क्वालिफाइड दिखा दिया गया. 80% नंबर वाले बाहर हो गए और 50% वाले सिलेक्ट हो गए. दूसरे राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कंपनियां को परीक्षा का जिम्मा दिया गया था.

सवालों के घेरे में एमपी कांस्टेबल भर्ती! 80% नंबर वाले बाहर, 50% वाले हुए सिलेक्ट, अब विरोध प्रदर्शन पर उतरे अभ्यार्थी

बता दें कि एमपी पुलिस की इस भर्ती परीक्षा के जरिए 6000 कॉन्स्टेबल की भर्ती होगी. एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा का 8 जनवरी से आयोजन 17 फरवरी 2022 को किया गया था. एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में करीब 12 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. 24 मार्च को पुलिस भर्ती का रिजल्ट आया था. अब इसमें गड़बड़ी का आरोप लगा है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus