अमृतांशी जोशी, भोपाल। बिलाबोंग स्कूल रेप केस (Billabong school rape case) में लगातार रोज़ नए ख़ुलासे हो रहे हैं. बच्ची के साथ दुष्कर्म (child rape case in Bhopal) के मामले में मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Madhya Pradesh Child Rights Protection Commission) लगातार जांच कर रहा है. कुछ अहम बिंदुओं पर जांच के दौरान विचार किया गया. कई नई जानकारियां निकलकर सामने आई हैं, जो चौंकाने वाली हैं.

बिलाबोंग स्कूल (Billabong school) अधिकारियों और स्टाफ़ के बयान के आधार पर विभिन्न बिन्दुओं पर संदेह पाया गया है. आयोग ने जांच कर कार्रवाई के लिए सात दिन देने की बात कही है. आयोग ने जांच में पाया कि बस में मात्र एक ही CCTV साक्ष्य था, लेकिन वो भी ख़राब था और मेमोरी कार्ड को भी ग़ायब कर दिया गया था.

अचानक घटना के दूसरे दिन बस ख़राब होना भी कहीं न कहीं संदेह पैदा कर रहा है. साथ ही घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने महिला प्रशासक को अचानक हटा दिया. यहां भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है.

जब स्कूल से पूछा गया कि अचानक महिला प्रशासक को क्यों हटाया तो उन्होंने कहा कि महिला प्रशासक इंटरनल जांच में दख़ल दे सकती है. पीड़ित बच्ची के माता पिता बाल कल्याण समिति के पास पहुंचे. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधन के लापरवाह रवैये से वो बहुत परेशान है.

डायरेक्टर ने बताया कि घटना की सूचना उन्हें ऐडमिनिस्ट्रेटर मैडम ने दी थी. उन्हीं के सामने ड्राइवर और महिला अटेंडेंट से पूछताछ भी की गई थी.

ड्राइवर ने बताया कि वो बस चला रहा था और महिला अटेंडेंट ने बच्ची के कपड़े बदले महिला अटेंडेंट का कहना है कि दूसरे बच्चे भी कपड़े बदलने की ज़िद करने लगी. इसलिए तीनों के कपड़े बदले हुए थे.

हालांकि ये पूरे बयान और स्टाफ़ से लिए गए बयान बिलकुल भी मेल नहीं खा रहे हैं. साथ एक ही समय के साथ अन्य बच्चों के कपड़े बदलना बड़ी आशंका पैदा कर रहा है. लगातार दिन प्रतिदिन इसमें नए ख़ुलासे हो रहे हैं. वहीं तमाम गठित दल और अधिकारी जांच में जुटे हैं. फ़िलहाल बाल आयोग ने ये कुछ बिंदु जांच के लिए छोड़े हैं, लेकिन अन्य दल भी लगातार जांच के लिए कई चीज़ें सामने लेकर आ रहे हैं.

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